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सरपंच संतोष देशमुख हत्या: परभणी में सुषमा अंधारे ने जांच में लापरवाही पर जताई नाराजगी

Updated on: 21 December, 2024 11:01 AM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar | ujwala.dharpawar@mid-day.com

शिवसेना (UBT) की नेता सुषमा अंधारे ने परभणी में विभागीय पुलिस निदेशक शाहजी उमापजी से मुलाकात कर जांच में तेजी लाने की मांग की.

X/Pics, Sushma Andhare

X/Pics, Sushma Andhare

महाराष्ट्र के बीड जिले में सरपंच संतोष देशमुख के अपहरण और हत्या के मामले में पुलिस ने अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस केस ने इलाके में भारी हड़कंप मचा दिया है. मामले में हाल ही में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के पूर्व तहसील प्रमुख विष्णु चाटे को पुलिस ने गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें 27 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है.

विष्णु चाटे के अलावा, इससे पहले गिरफ्तार किए गए आरोपियों में जयराम चाटे, महेश केदार और प्रतीक घुले का नाम शामिल है. ये सभी मामले में मुख्य संदिग्ध बताए जा रहे हैं. पुलिस ने घटना में शामिल अन्य तीन आरोपियों की तलाश तेज कर दी है. पुलिस का कहना है कि ये गिरफ्तारियां मामले की साजिश और हत्या के मकसद को उजागर करने में अहम साबित हो सकती हैं.


 



 

शिवसेना (UBT) की प्रतिक्रिया

मामले में शिवसेना (UBT) की नेता सुषमा अंधारे ने परभणी के विभागीय पुलिस निदेशक शाहजी उमापजी से मुलाकात कर जांच में तेजी लाने और दोषियों को सजा दिलाने की मांग की. अंधारे ने इस मुलाकात की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए साझा की.

उन्होंने बताया कि मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारी घोरबंद को निलंबित कर दिया गया है. हालांकि, उन्होंने इस पर नाराजगी जाहिर की कि पुलिस निरीक्षक शरद मरे और पी.एन. टर्नर के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

स्थानीय राजनीति और कानून व्यवस्था पर सवाल

इस घटना ने न केवल बीड जिले बल्कि पूरे महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल मचा दी है. विपक्षी दलों ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार और स्थानीय पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं. स्थानीय लोग भी इस घटना से आक्रोशित हैं और उन्होंने दोषियों को जल्द से जल्द कड़ी सजा देने की मांग की है.

आगे की दिशा

पुलिस के अनुसार, इस मामले में अभी भी कई महत्वपूर्ण कड़ियां जुड़ना बाकी हैं. आरोपियों से पूछताछ के आधार पर अन्य संदिग्धों की पहचान की जा रही है. यह घटना केवल कानून-व्यवस्था का मुद्दा नहीं, बल्कि स्थानीय राजनीति में गहराते तनाव को भी उजागर करती है.

पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि मामले की निष्पक्ष और तेज जांच की जाएगी, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके. वहीं, राजनीतिक दलों ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है, जिससे जांच में तेजी आने की उम्मीद है.

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