Updated on: 07 October, 2024 03:39 PM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar
पुणे में शरद पवार गुट ने सड़कों की खराब हालत और बिजली आपूर्ति में अव्यवस्था के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया.
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राष्ट्रवादी कांग्रेस शरद पवार पार्टी के युवा नेता एडवोकेट अमोल मटेले ने राज्य सरकार के खिलाफ पुणे में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. जिसमें बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. पुणे जिले में औद्योगिक संपदाओं को लेकर गंभीर समस्याएं उभर रही हैं, जिनमें सड़क, पानी, बिजली, और कचरे की उचित प्रबंधन की कमी प्रमुख हैं. इन समस्याओं को लेकर स्थानीय प्रशासन, विशेषकर महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी), की उदासीनता के चलते उद्योग जगत में असंतोष बढ़ रहा है.
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पिंपरी चिंचवड़, चाकन, तलेगांव, रंजनगांव, और अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में सड़कों की खराब हालत, बिजली आपूर्ति में अव्यवस्था, पानी की कमी और आगजनी की बढ़ती घटनाओं ने उद्योगपतियों को चिंतित कर दिया है. पुणे जिले में आईटी और अन्य प्रमुख उद्योगों के होते हुए भी बुनियादी ढांचे में कमी के कारण कई कंपनियां अन्य राज्यों जैसे गुजरात, कर्नाटक, और आंध्र प्रदेश की ओर पलायन कर रही हैं. चाकन से 50 कंपनियों के अन्य राज्यों में जाने की खबरें आई हैं, जिससे रोजगार में कमी आई है और बेरोजगारी बढ़ी है.
एमआईडीसी की नीतिगत असफलताओं और राज्य सरकार की उदासीनता के कारण बड़े उद्योग, जैसे वेदांता और टाटा-एयरबस जैसी परियोजनाएं, भी महाराष्ट्र से बाहर चली गई हैं. यह राज्य के युवाओं के साथ अन्याय के रूप में देखा जा रहा है. छोटे और मध्यम उद्यम, जो पुणे में उद्योगों की आपूर्ति श्रृंखला का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, भी बुनियादी ढांचे की कमी से प्रभावित हैं.
राष्ट्रवादी कांग्रेस शरद पवार पार्टी के युवा नेता एडवोकेट अमोल मटेले ने राज्य सरकार के खिलाफ पुणे में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया.
— Midday Hindi (@HindiMidday) October 7, 2024
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उद्योगपतियों और नेताओं की मांग है कि सरकार घोषणाओं से आगे बढ़कर इन समस्याओं का ठोस समाधान करे और औद्योगिक संपदाओं की मूलभूत जरूरतों पर ध्यान दे.
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