Updated on: 09 September, 2024 09:25 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
पथराव की घटना से गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय पुलिस स्टेशन पर धरना दिया और तत्काल न्याय की मांग की.
प्रतीकात्मक छवि
सूरत के सैयदपुरा इलाके में रविवार देर रात गणेश पंडाल पर पथराव से अशांति फैल गई. गुस्साए स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए और पथराव की घटना के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया. पथराव की घटना से गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय पुलिस स्टेशन पर धरना दिया और तत्काल न्याय की मांग की. पुलिस ने इस मामले में 30 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है.
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गुजरात में सूरत के सैयदपुरा इलाके में रविवार रात एक गणेश पंडाल पर पथराव किया गया. इसके बाद दोनों पक्षों में मारपीट न हो, इसके लिए पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया. डीसीपी भागीरथ गढ़वी ने कहा कि रविवार को यहां पथराव हुआ था और रात से ही पुलिस तैनात है. अब स्थिति शांतिपूर्ण है. हमने इलाके को पूरी तरह से घेर लिया है. लोग अब शांति से रह रहे हैं. इलाके में अवैध अतिक्रमण भी हटा दिया गया है. इलाके में गणेश पंडाल पर पथराव के बाद इलाके में तनाव का माहौल बन गया. पथराव की घटना से गुस्साए स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए और जमकर विरोध प्रदर्शन किया. बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा.
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने घटना की पुष्टि की और कहा कि पथराव में छह लोग शामिल थे. सांघवी ने एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि सभी छह लोगों को 27 अन्य लोगों के साथ इस कृत्य के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने जनता को आश्वासन दिया कि जांच चल रही है और शांति भंग करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सूरत के सभी इलाकों में पुलिस तैनात है. सूरत के पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत ने अतिरिक्त जानकारी देते हुए कहा कि शुरुआती पथराव बच्चों के एक समूह ने किया, जिसके बाद बड़ी झड़प हुई. पुलिस ने तुरंत इसमें शामिल लोगों को हिरासत में ले लिया. शांति बनाए रखने के लिए वहां 1000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.
देशभर में चल रही बुलडोजर कार्रवाई का मामला सोमवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया. उदयपुर में चाकूबाजी के आरोपी बच्चे के पिता के घर पर बुलडोजर एक्शन मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है. सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ``नगर पालिका के नियमों के मुताबिक, अवैध निर्माण को सिर्फ नोटिस देकर ही गिराया जा सकता है. इसलिए नहीं कि किसी पर अपराध का आरोप है.” इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ``इस संबंध में कुछ दिशानिर्देश बनाने की जरूरत है, जिसका सभी राज्यों को पालन करना चाहिए.``
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