Updated on: 20 July, 2025 09:11 AM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना ठाकरे गुट के विधायक आदित्य ठाकरे की मुंबई में हुई मुलाकात ने राजनीतिक चर्चाओं को जन्म दिया है.
X/Pics, Sushma Andhare
मुंबई के एक होटल में हाल ही में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना ठाकरे गुट के विधायक आदित्य ठाकरे के बीच हुई मुलाकात ने राज्य की राजनीतिक स्थिति को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू कर दिया है. यह मुलाकात काफी गोपनीय रही और मीडिया को इस पर टिप्पणी करने का मौका नहीं मिला. हालांकि, इस मुलाकात के बाद से प्रदेशभर में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है.
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इस मुलाकात को लेकर शिवसेना ठाकरे गुट की उपनेता सुषमा अंधारे ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यह मुलाकात राज्य की राजनीति में नया मोड़ लाने का संकेत हो सकती है, लेकिन शिवसेना और उसकी विचारधारा से यह किसी भी तरह का समझौता नहीं हो सकता. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शिवसेना ठाकरे गुट हमेशा अपने मूल्यों और सिद्धांतों पर कायम रहेगा, चाहे राजनीतिक परिस्थितियाँ जैसी भी हों.
सुषमा अंधारे ने कहा कि भाजपा और शिवसेना के रिश्ते हमेशा से ही उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं, और ऐसा कोई कदम उठाने से पहले दोनों पक्षों को अपने वादों और सिद्धांतों को समझना होगा. उनका मानना है कि शिवसेना के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को धोखा देने का किसी भी पार्टी को अधिकार नहीं है, और अगर ऐसा होता है तो उसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है.
इस मुलाकात को लेकर विपक्षी दलों ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने आरोप लगाया है कि यह मुलाकात दरअसल सत्ता की राजनीति का हिस्सा है, और इसे शिवसेना की आत्मसम्मान की कीमत पर किया जा रहा है. कुछ नेताओं ने तो यह भी कहा कि शिवसेना ठाकरे गुट को अब भाजपा से किसी प्रकार का समझौता करने की बजाय अपने पुराने गठबंधन सहयोगियों के साथ पुनः गठबंधन पर विचार करना चाहिए.
वहीं, भाजपा ने इस मुलाकात को महज एक सामान्य बातचीत बताया और इसे राजनीति से जोड़ने का कोई आधार नहीं दिया. पार्टी के नेताओं का कहना है कि आदित्य ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस के बीच बातचीत का उद्देश्य केवल राज्य के विकास को लेकर विचार विमर्श करना था और इस मुलाकात से किसी भी प्रकार के गठबंधन या समझौते की संभावना नहीं है.
हालांकि, राजनीतिक विश्लेषक इस मुलाकात को एक नए राजनीतिक समीकरण के रूप में देख रहे हैं, जिसमें शिवसेना और भाजपा दोनों ही अपने-अपने हितों को साधने की कोशिश कर रहे हैं. साथ ही, इस मुलाकात ने राज्य की राजनीति में नई दिशाओं के बारे में सोचने के लिए मजबूर कर दिया है.
इस प्रकार, मुख्यमंत्री फडणवीस और आदित्य ठाकरे की मुलाकात ने न केवल राजनीतिक चर्चाओं को तेज किया है, बल्कि राज्य की राजनीति में आगामी समय में होने वाली घटनाओं को लेकर कई सवाल भी खड़े किए हैं. अब देखना यह होगा कि क्या शिवसेना और भाजपा के बीच इस मुलाकात का कोई ठोस परिणाम निकलता है या यह महज एक राजनीतिक रणनीति का हिस्सा साबित होती है.
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