Updated on: 28 May, 2025 05:42 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
यह घटना ग्रेनेड हमलों की एक श्रृंखला के बाद खालिस्तान समर्थक आतंकवादी संगठनों के कई सदस्यों की गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि में हुई है.
प्रतीकात्मक छवि. फ़ाइल चित्र
पुलिस ने बताया कि मंगलवार को पंजाब के अमृतसर में मजीठा रोड बाईपास पर नौशेरा के पास खाली पड़े इलाके से विस्फोटक सामग्री निकालते समय हुए विस्फोट में एक संदिग्ध आतंकवादी की मौत हो गई. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार यह घटना ग्रेनेड हमलों की एक श्रृंखला के बाद खालिस्तान समर्थक आतंकवादी संगठनों के कई सदस्यों की गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि में हुई है, पुलिस को संदेह है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन सीमावर्ती राज्य में अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि मामले की जांच चल रही है, जबकि विपक्षी दल ने आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि राज्य में कानून-व्यवस्था "ध्वस्त" हो गई है.
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रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने कहा कि विस्फोट में व्यक्ति के दोनों हाथ उड़ गए, यह विस्फोट सुबह करीब साढ़े नौ बजे हुआ. स्थानीय लोगों ने बताया कि तेज धमाके की आवाज सुनी गई, जिससे इलाके में दहशत फैल गई. उप महानिरीक्षक (सीमा रेंज) सतिंदर सिंह ने कहा कि व्यक्ति के बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) जैसे किसी आतंकवादी संगठन से संबंध होने का संदेह है. वह विस्फोटक सामग्री लेने के लिए यहां आया था. सिंह ने अमृतसर में संवाददाताओं से कहा, "विस्फोट के समय विस्फोटक सामग्री उसके हाथ में थी."
उन्होंने कहा, "हम उसकी पहचान और वह किस आतंकी संगठन से जुड़ा है, इसकी जांच कर रहे हैं." एक सवाल के जवाब में डीआईजी ने कहा कि अभी तक उस व्यक्ति की पहचान नहीं हो पाई है. रिपोर्ट के अनुसार सिंह ने कहा, "परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के अनुसार, यह स्पष्ट है कि यह व्यक्ति किसी आतंकी संगठन का सदस्य था." उन्होंने कहा कि पुलिस को उस व्यक्ति की जेब से कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, जो उसके किसी आतंकी संगठन से जुड़े होने का संकेत देते हैं. फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी की एक टीम यह पता लगाने के लिए जांच कर रही है कि यह आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) विस्फोट था या ग्रेनेड विस्फोट.
डीआईजी ने लोगों से घबराने की अपील नहीं करते हुए कहा, "हम जल्द ही इस मामले को सुलझा लेंगे." रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि कुछ एजेंसियां हैं जो राज्य में अशांति पैदा करने की कोशिश कर रही हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि प्रशासन ऐसे मामलों से सख्ती से निपट रहा है. घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने राज्य में सुरक्षा स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि यह एक अशुभ संकेत है और लोग इसे लेकर डरे हुए और आशंकित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "हम घबराना नहीं चाहते, लेकिन पंजाब में स्थिति दिन-ब-दिन भयावह होती जा रही है." उन्होंने कहा, "जब हमारे वरिष्ठ साथी और पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने इस मुद्दे को उठाया था, तो पंजाब सरकार ने उन पर एफआईआर दर्ज कर दी." वारिंग ने मुख्यमंत्री मान से मामले को गंभीरता से लेने का आग्रह किया. इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार को अपनी पार्टी का पूरा समर्थन और सहयोग देने का आश्वासन देते हुए उन्होंने कहा, "हमें इसके खिलाफ मिलकर लड़ना होगा. पंजाब आतंक के एक और काले दौर को बर्दाश्त नहीं कर सकता. ये अशुभ संकेत हैं." लेकिन उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पर नेतृत्व करने और अपनी प्राथमिकताएं सही करने की जिम्मेदारी है. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने पंजाब में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में "पूरी तरह विफल" होने के लिए सरकार की आलोचना की.
इस घटना पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए चुग ने कहा, "यह भयावह घटना कोई अकेली घटना नहीं है. यह आप के कुशासन के तहत राज्य की आंतरिक सुरक्षा के पूर्ण पतन को दर्शाती है." उन्होंने मांग की कि पंजाब में सक्रिय व्यापक आतंकी गठजोड़ को उजागर करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी को जांच अपने हाथ में लेनी चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया, "पुलिस थानों और धार्मिक स्थलों को निशाना बनाकर ग्रेनेड हमलों की एक श्रृंखला हुई है, फिर भी आप सरकार मूकदर्शक बनी हुई है." जालंधर में वरिष्ठ भाजपा नेता मनोरंजन कालिया के आवास पर ग्रेनेड हमले का हवाला देते हुए चुघ ने दावा किया कि "आतंकवादी गतिविधियां खतरनाक गति पकड़ रही हैं". शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने उस इलाके का दौरा किया जहां विस्फोट हुआ था और आप सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति "ध्वस्त" हो गई है. उन्होंने अकाली पार्षद की हत्या की घटना का भी हवाला दिया.
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