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कश्मीर में आतंकी हमलें और अचानक आई बाढ़ से पर्यटन स्थल तबाह

Updated on: 05 October, 2025 01:02 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

स्थानीय निवासी सरकार से हस्तक्षेप कर इस उद्योग को पुनर्जीवित करने का आग्रह कर रहे हैं.

प्रतीकात्मक चित्र. तस्वीर/आईस्टॉक

प्रतीकात्मक चित्र. तस्वीर/आईस्टॉक

जम्मू-कश्मीर के भद्रवाह क्षेत्र में पर्यटन क्षेत्र अभूतपूर्व मंदी का सामना कर रहा है, जहाँ हाल ही में हुए आतंकवादी हमलों और बादल फटने व अचानक आई बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण लोकप्रिय पर्यटन स्थल वीरान पड़े हैं. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय निवासी सरकार से हस्तक्षेप कर इस उद्योग को पुनर्जीवित करने का आग्रह कर रहे हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक पर्यटन पर निर्भर एक स्थानीय निवासी यासिर ने कहा, "मैं पिछले 8-10 सालों से पर्यटन क्षेत्र में काम कर रहा हूँ. पिछले आठ सालों में मैंने ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी. पिछले दो सालों में स्थिति बहुत खराब रही है. आप यहाँ सन्नाटा देख सकते हैं. पहलगाम हमले के बाद, ढाई महीने तक बिल्कुल भी पर्यटक नहीं आए. फिर, गर्मी का मौसम आने के बाद, हमारे 30 प्रतिशत पर्यटक यहाँ आए. हालाँकि, उसके बाद, किश्तवाड़ में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ के कारण कई लोगों को नुकसान हुआ. अब कोई भी यहाँ नहीं आना चाहता." उन्होंने विधायक से भद्रवाह के पर्यटन के मुद्दे को विधानसभा में उठाने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महोत्सव आयोजित करने का आग्रह किया. "मैं चाहता हूँ कि हमारे विधायक आगामी विधानसभा सत्र में भद्रवाह का मुद्दा उठाएँ. हमें सरकारी नौकरियाँ नहीं चाहिए. पर्यटन का मुद्दा विधानसभा में उठाया जाना चाहिए. मैं जिला मजिस्ट्रेट से अनुरोध करता हूँ कि वे यहाँ एक ऐसा महोत्सव आयोजित करें जो लोगों को आकर्षित करे."


एक अन्य स्थानीय निवासी ने कहा, "मैं गुलदांडा आया था. लोग यहाँ आनंद लेने और खुशियाँ मनाने आते थे. लेकिन आज यह वीरान सा लगता है. हाल ही में आई बाढ़ ने पर्यटन क्षेत्र को काफी नुकसान पहुँचाया है. पहले लाखों पर्यटक यहाँ आते थे, लेकिन आज यह पूरी तरह से वीरान है. स्थानीय युवा पर्यटन क्षेत्र के माध्यम से अपना जीवन यापन करते थे, लेकिन अब वे बेरोजगार हैं. मैं अनुरोध करता हूँ कि पर्यटन क्षेत्र को जल्द से जल्द पुनर्जीवित किया जाए." रिपोर्ट के अनुसार भाजपा नेता दलीप सिंह परिहार ने भद्रवाह में गोंडोला परियोजना को पूरा करने में हो रही देरी की आलोचना की और अधिकारियों पर भद्रवाह की उपेक्षा करने का आरोप लगाया, जिससे पर्यटन में गिरावट आई है और स्थानीय होटल व्यवसायियों पर आर्थिक दबाव पड़ा है.



उन्होंने कहा, "तीन साल से निर्माणाधीन गोंडोला परियोजना अभी तक पूरी नहीं हुई है. भद्रवाह की उपेक्षा की जा रही है. क्या वजह है? भेदभाव क्यों हो रहा है? हमारे होटल व्यवसायी परेशान हैं. उन्होंने कर्ज़ लेकर होटल बनाए और अब पर्यटन में गिरावट के कारण उन्हें परेशानी हो रही है. भद्रवाह की समस्याएँ मेरी निजी समस्याएँ हैं. हम उन्हें सुलझाने की पूरी कोशिश करेंगे. यह विभाग मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के अधीन है. जब विधानसभा की पहली बैठक हुई थी, तो मैंने कहा था कि भद्रवाह निर्वाचन क्षेत्र सबसे खूबसूरत है." रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने आगे कहा, "हर मुख्यमंत्री जो चुना गया है, वह कश्मीर से रहा है, सभी मुख्यमंत्री जो चुने गए हैं, कश्मीर से ही हैं. उन्होंने कभी यहाँ की ओर देखा ही नहीं. बाढ़ और भारी बारिश के कारण नुकसान हुआ है. एनसीपी, कांग्रेस या पीडीपी से कोई नहीं आया. भाजपा कार्यकर्ता लगातार सक्रिय रहे. उन्होंने लोगों की पीड़ा सुनी. उन्होंने लोगों तक रसद पहुँचाई और उनकी माँगों को सरकार तक पहुँचाया."


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