Updated on: 23 April, 2025 04:11 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 दर्ज की गई. 22 अप्रैल की रात गुजरात के कच्छ में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे इलाके में डर का माहौल बन गया.
प्रतीकात्मक छवि
मंगलवार यानी कल का दिन भारत के लिए भारी रहा. दोपहर में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई. उसके बाद देर रात गुजरात के कच्छ में भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 दर्ज की गई. 22 अप्रैल की रात गुजरात के कच्छ में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे इलाके में डर का माहौल बन गया.
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नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक भारतीय समयानुसार रात 11:26 बजे रिक्टर स्केल पर 4.3 तीव्रता का भूकंप आया. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए NCS ने बताया कि भूकंप का केंद्र 23.52 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 69.95 डिग्री पूर्वी देशांतर पर था. प्रशासन स्थिति पर नजर रख रहा है. स्थानीय लोगों के मुताबिक कच्छ में भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग घबरा गए और अपने घरों से बाहर निकल आए. हालांकि भूकंप के केंद्र और गहराई के बारे में विस्तृत जानकारी अभी नहीं मिल पाई है.
प्रशासन ने स्थिति पर नजर रखना शुरू कर दिया है और आपातकालीन सेवाओं को अलर्ट पर रखा गया है. गौरतलब है कि कच्छ क्षेत्र को भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है और यहां पहले भी बड़े भूकंप आ चुके हैं. कच्छ के भुज में 2001 में आए भूकंप को हमेशा याद किया जाता है. 26 जनवरी 2001 को आए इस भूकंप ने भुज में भारी तबाही मचाई थी और हजारों लोगों की मौत हो गई थी.
कच्छ में आए भूकंप से दो घंटे पहले नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी थी कि 22 अप्रैल को सुबह 9.56 बजे (भारतीय समयानुसार) अफगानिस्तान में भी 4.3 तीव्रता का भूकंप आया था. इसके बाद 22 अप्रैल को म्यांमार में भी 4.0 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था. इसी दिन ताजिकिस्तान और तिब्बत में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे.
ताजिकिस्तान में 4.1 तीव्रता का भूकंप आया था, जबकि तिब्बत में 4.0 तीव्रता का भूकंप आया था. ताजिकिस्तान एक पहाड़ी देश है, इसलिए यह भूकंप, बाढ़, सूखा और हिमस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं से ज़्यादा प्रभावित होता है. भूकंप मुख्य रूप से पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों की गति के कारण आते हैं. पृथ्वी की पपड़ी कई प्लेटों में विभाजित है जो धीरे-धीरे चलती हैं. जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं या एक-दूसरे के नीचे खिसकती हैं, तो दबाव बनता है, जो भूकंप के झटकों के रूप में निकलता है. इसके अलावा, ज़मीन में दरारों पर जमा तनाव भी भूकंप का कारण बन सकता है. कुछ मामलों में, भूकंप ज्वालामुखी विस्फोट के कारण भी आ सकते हैं, जिन्हें `ज्वालामुखी भूकंप` कहा जाता है.
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