Updated on: 11 October, 2025 02:43 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
उन्होंने कहा कि ये स्मारक सिक्के आरएसएस की सेवा, एकता और समर्पण की एक शताब्दी का सम्मान करते हैं.
चित्र/X
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की 100वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में विशेष स्मारक सिक्के और डाक टिकट जारी किए हैं. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि ये स्मारक सिक्के आरएसएस की सेवा, एकता और समर्पण की एक शताब्दी का सम्मान करते हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, भारत सरकार ने सेवा, एकता और समर्पण की एक शताब्दी का सम्मान करते हुए विशेष स्मारक सिक्के और डाक टिकट जारी किए हैं. शुक्रवार को एक्स पर एक पोस्ट में, वित्त मंत्री के कार्यालय ने कहा, "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, भारत सरकार ने सेवा, एकता और समर्पण की एक शताब्दी का सम्मान करते हुए विशेष स्मारक सिक्के और डाक टिकट जारी किए हैं." इसमें आगे कहा गया है, "विशेष स्मारक सिक्के कोलकाता मिंट के माध्यम से https://indiagovtmint.in/hi/product-category/kolkata-mint पर ऑनलाइन ऑर्डर किए जा सकते हैं, जबकि स्मारक टिकट पूरे भारत में स्थित फिलेटली ब्यूरो में उपलब्ध हैं."
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रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी समारोह के अवसर पर राष्ट्र के प्रति उसके योगदान को रेखांकित करते हुए एक विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी किया. शताब्दी समारोह के दौरान, प्रधानमंत्री ने राष्ट्र निर्माण के प्रति उसकी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की प्रशंसा की.
उन्होंने कहा कि आरएसएस ने वर्षों से अनगिनत लोगों के जीवन को पोषित और मजबूत करने में मदद की है. रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "जिस प्रकार मानव सभ्यताएँ विशाल नदियों के किनारे फलती-फूलती हैं, उसी प्रकार, आरएसएस के तटों और प्रवाह में सैकड़ों जीवन फले-फूले हैं. अपने गठन के बाद से, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने एक महान उद्देश्य का अनुसरण किया है. वह उद्देश्य राष्ट्र निर्माण रहा है."
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 100 साल पहले विजयादशमी के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना कोई संयोग नहीं था. रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने इस त्योहार के बुराई पर अच्छाई, असत्य पर सत्य और अंधकार पर प्रकाश की जीत के प्रतीकवाद पर प्रकाश डाला. 1925 में नागपुर महाराष्ट्र में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा स्थापित, आरएसएस की स्थापना एक स्वयंसेवी संगठन के रूप में नागरिकों में सांस्कृतिक जागरूकता, अनुशासन, सेवा और सामाजिक उत्तरदायित्व को बढ़ावा देने के लक्ष्य के साथ की गई थी.
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