Updated on: 03 October, 2024 08:51 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
अशोक तंवर हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. अशोक तंवर के राहुल गांधी के मंच पर पहुंचने और पार्टी में शामिल होने का एक वीडियो कांग्रेस ने पोस्ट किया है.
भारतीय जनता पार्टी का झंडा
हरियाणा में करीब एक घंटे पहले तक सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवारों के लिए वोट की अपील कर रहे अशोक तंवर अब कांग्रेसी हो गए हैं. हरियाणा चुनाव का प्रचार पूरा होने से कुछ घंटे पहले अशोक तंवर राहुल गांधी की जींद रैली में पहुंचे और कांग्रेस में शामिल हो गए. अशोक तंवर हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. अशोक तंवर के राहुल गांधी के मंच पर पहुंचने और पार्टी में शामिल होने का एक वीडियो कांग्रेस ने अपने आधिकारिक हैंडल से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया है.
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हरियाणा चुनाव के लिए बीजेपी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में अशोक तंवर भी थे. बीजेपी ने उन्हें प्रचार समिति का सदस्य भी बनाया. राहुल गांधी की रैली में पहुंचने से पहले पूर्व सांसद अशोक तंवर भी बीजेपी प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार कर रहे थे. कांग्रेस में शामिल होने से करीब एक घंटे पहले अशोक तंवर ने अपने एक्स हैंडल पर बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन में आयोजित रैली की तस्वीरें पोस्ट कीं. अशोक तंवर ने नलवा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी रणधीर पनिहार के समर्थन में एक दिन पहले हुई रैली की तस्वीरें पोस्ट कर जीत का भरोसा जताया. उन्होंने दावा किया कि नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में भाजपा तीसरी बार सरकार बनाएगी.
अशोक तंवर हिसार से लोकसभा सांसद और हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं. उन्होंने 5 अक्टूबर 2019 को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए. वह आप की हरियाणा चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष थे. इसके बाद जनवरी 2024 में तंवर बीजेपी में शामिल हो गए. लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें सिरसा से टिकट दिया. वे हार गए.
पहले वह तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पार्टी में थे. टीएमसी से पहले वह कांग्रेस में थे, जहां उन्होंने लंबी पारी खेली. एक समय उनकी गिनती राहुल गांधी के करीबियों में होती थी. फरवरी 2014 में राहुल गांधी ने ही उन्हें हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया था. वह कांग्रेस में राष्ट्रीय सचिव और युवा कांग्रेस के प्रभारी भी रह चुके हैं. 2019 में विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा से विवाद के बाद उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. वह 2009 से 2014 तक सिरसा से सांसद भी रहे हैं.
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