Updated on: 09 April, 2025 07:28 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
नागपुर निवासी कोरटकर को 24 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और बाद में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.
प्रतीकात्मक तस्वीर
महाराष्ट्र के कोल्हापुर की सत्र अदालत ने बुधवार को मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके बेटे छत्रपति संभाजी महाराज के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने के आरोपी पूर्व पत्रकार प्रशांत कोरटकर को जमानत दे दी. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार नागपुर निवासी कोरटकर को 24 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और बाद में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.
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रिपोर्ट के मुताबिक वह कोल्हापुर जिले की कलंबा जेल में बंद है. पूर्व पत्रकार पर इतिहासकार इंद्रजीत सावंत को धमकाने और छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है. दोनों ही महाराष्ट्र में बहुत पूजनीय व्यक्ति हैं. इससे पहले, यहां के एक न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) या जेएमएफसी ने कोरटकर को जमानत देने से इनकार कर दिया था, क्योंकि अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया था कि अगर उन्हें जेल से रिहा किया गया तो वह सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं. इसके बाद उन्होंने सत्र अदालत का रुख किया था. सत्र अदालत ने सोमवार को उनकी जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. बुधवार को, इसने 50,000 रुपये के मुचलके पर जेल से वीडियोकांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए कोरटकर को जमानत दे दी.
कोरटकर ने याचिका में दावा किया था कि उनके फोन से छेड़छाड़ की गई थी और ऑडियो से छेड़छाड़ की गई थी. रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी जारी की है. मंगलवार को सत्र न्यायालय ने कोरटकर को 28 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया. जब कोरटकर को कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच न्यायालय में पेश किया जा रहा था, तो छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज के अनुयायियों ने उनके खिलाफ नारे लगाए.
सावंत के वकील असीम सरोदे ने न्यायालय को बताया कि कोरटकर पिछले एक महीने से फरार है और उसने अपना मोबाइल फोन फॉर्मेट कर लिया है. सावंत ने कहा, "पुलिस को उसकी हिरासत की जरूरत है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने अपने फोन का डेटा फॉर्मेट क्यों किया. साथ ही, पुलिस को उसकी आवाज के नमूने भी लेने हैं. चूंकि आरोपी एक महीने से फरार है, इसलिए यह जांचना अभी बाकी है कि इतने दिनों तक उसे उनके साथ रहने में किसने मदद की." रिपोर्ट के मुताबिक कोरटकर के वकील सौरभ घाग ने कहा, "पूरा मामला मीडिया ट्रायल के जरिए चलाया जा रहा है. आरोपी ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है. पुलिस के पास 25 फरवरी से सभी कॉल डिटेल हैं, इसलिए उसे आगे पुलिस हिरासत में रखने की जरूरत नहीं है." दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने कोरटकर को पुलिस हिरासत में भेज दिया.
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