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लड़की बहिन योजना के लिए अन्य विभागों से कोई धनराशि नहीं

Updated on: 31 May, 2025 10:47 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग बजट को नहीं समझते हैं, वे ये झूठे आरोप लगा रहे हैं.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ‘लड़की बहन’ योजना के तहत धन के आवंटन या वितरण में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. फाइल फोटो

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ‘लड़की बहन’ योजना के तहत धन के आवंटन या वितरण में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. फाइल फोटो

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (सीएम) देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि सरकार की प्रमुख ‘लड़की बहिन’ योजना के लिए अन्य विभागों से कोई धनराशि नहीं ली गई है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग बजट को नहीं समझते हैं, वे ये झूठे आरोप लगा रहे हैं. सीएम फडणवीस ने आगे स्पष्ट किया कि ये धनराशि बजटीय दिशानिर्देशों के अनुरूप जनजातीय मामलों और सामाजिक न्याय विभागों के माध्यम से आवंटित की गई थी. मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए एक निश्चित बजट अनिवार्य रूप से आरक्षित है. 

रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने यह भी कहा कि अधिकतम धनराशि व्यक्तिगत लाभ योजनाओं के लिए निर्धारित की जानी चाहिए, जबकि कुछ धनराशि बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अलग रखी जानी चाहिए. ‘लड़की बहिन’ योजना समाज के कमजोर वर्गों की महिलाओं को 1,500 रुपये प्रदान करती है. इस संदर्भ में बोलते हुए सीएम ने कहा, "विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोप (लड़की बहन योजना के लिए दूसरे विभागों से फंड डायवर्ट किए जाने के आरोप) गलत हैं. ऐसा आरोप केवल वे ही लगा सकते हैं जिन्हें बजट की समझ नहीं है. नियम कहते हैं कि फंड एससी या एसटी के लिए आरक्षित होना चाहिए. अधिकतम फंड व्यक्तिगत लाभ योजनाओं और कुछ बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आरक्षित होना चाहिए. लड़की बहन योजना लाभार्थियों को व्यक्तिगत लाभ देने की श्रेणी में आती है. इसलिए, यदि आप इस योजना के लिए पैसा देते हैं, तो बजटीय नियमों के अनुसार, इसे आदिवासी मामलों के विभाग और सामाजिक न्याय विभाग के तहत दिखाना होगा." 


उन्होंने यह भी बताया कि उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, जो वर्तमान में वित्त विभाग संभाल रहे हैं, पहले ही इस मुद्दे को स्पष्ट कर चुके हैं. फडणवीस ने आगे दावा किया कि आदिवासी मामलों और सामाजिक न्याय विभागों का बजट वर्ष 2025-26 के लिए लगभग 1.45 गुना बढ़ा है. रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, "यह (लड़की बहन के फंड को दूसरे विभागों के माध्यम से वितरित करना) एक तरह का लेखा-जोखा है. कोई पैसा डायवर्ट नहीं किया गया है. इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है." उन्होंने कहा कि राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग इस योजना को चलाता है. नवंबर 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली महायुति की भारी जीत में `लड़की बहिन` योजना ने अहम भूमिका निभाई. 


इस योजना के तहत 21 से 65 वर्ष की आयु की महिलाएं, जिनकी वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है, 1,500 रुपये पाने की पात्र हैं. रिपोर्ट के मुताबिक सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट ने इस महीने की शुरुआत में पवार के नेतृत्व वाले वित्त विभाग पर उनकी जानकारी के बिना उनके विभाग से धन के अवैध रूप से डायवर्जन का आरोप लगाया था. शिरसाट के अनुसार, पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले शुरू की गई `लड़की बहिन` योजना के कारण राज्य वित्तीय संकट का सामना कर रहा है. उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार के लिए बेहतर होगा कि वह सामाजिक न्याय विभाग को आवंटित धन को समय-समय पर डायवर्ट करने के बजाय इसे बंद कर दे.


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