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किसान कर्ज़माफी पर उद्धव ठाकरे का फडणवीस सरकार पर हमला- `जून 2026 तक इंतजार क्यों?`

Updated on: 03 November, 2025 02:08 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर किसान कर्ज़माफी को लेकर तीखा हमला बोला। ठाकरे ने सवाल उठाया कि जब सरकार ने जून 2026 तक कर्ज़माफी का वादा किया है, तब तक किसान क्या करें?

Pic/Sayyed Sameer Abedi

Pic/Sayyed Sameer Abedi

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य की फडणवीस सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि किसानों के कर्ज़माफी के नाम पर सरकार केवल वादे कर रही है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कुछ नहीं हो रहा. ठाकरे ने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 30 जून 2026 तक कर्ज़माफी पूरी करने की घोषणा तो की है, लेकिन क्या तब तक किसान अपने कर्ज़ की किश्तें भरते रहेंगे? और अगर भरेंगे, तो उन्हें रबी सीज़न के लिए नया कर्ज़ कौन देगा?

 




 


उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘किसानों की मांग है कि उनका कर्ज़ माफ़ किया जाए, लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक केंद्र को इस संबंध में कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है. किसानों को कोई ठोस मदद नहीं मिली है. मुख्यमंत्री ने निरीक्षण करने की बात कही थी, लेकिन सवाल ये है कि क्या उन्होंने अब तक किसानों की हालत देखी?’

उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ‘पत्थर भी टूट सकता है, लेकिन यह सरकार नहीं टूट रही. सरकार किसानों की बात क्यों नहीं सुन रही है? लोगों को मुख्यमंत्री से पूछना चाहिए कि आखिर किसानों की आवाज़ क्यों दबाई जा रही है.’

ठाकरे ने आगे कहा कि किसानों की मांग सिर्फ कर्ज़माफी तक सीमित नहीं है — ‘किसानों की कटी हुई ज़मीन के लिए मिट्टी उपलब्ध कराई जाए, प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये की सहायता दी जाए और कर्ज़ माफ़ी तुरंत लागू की जाए. ये मांगें वाजिब हैं और सरकार को इन्हें पूरा करना चाहिए.’

उन्होंने यह भी बताया कि भारी बारिश से प्रभावित मराठवाड़ा में केंद्रीय दल दो-तीन दिनों के निरीक्षण दौरे पर आएगा, लेकिन इतने कम समय में किसानों की वास्तविक स्थिति का आकलन कैसे होगा?

ठाकरे ने फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘जब मैं मुख्यमंत्री था, तब महात्मा फुले कर्ज़माफी योजना के ज़रिए लाखों किसानों को राहत दी गई थी. अब वही आंकड़े और वही व्यवस्था होने के बावजूद सरकार इस योजना का दूसरा चरण शुरू करने से क्यों कतरा रही है?’

आखिर में ठाकरे ने कहा कि किसानों के साथ अब और अन्याय नहीं होना चाहिए — ‘किसानों का धैर्य टूट चुका है, अब सरकार को ज़मीन से जुड़कर फैसले लेने होंगे.’

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