Updated on: 27 January, 2025 06:38 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
उत्तराखंड में आज यानी सोमवार से समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी एक्ट लागू हो गया है.
समान नागरिक संहिता (छवि सौजन्य मिड-डे)
उत्तराखंड में आज से समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी लागू हो गई है. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आधिकारिक पोर्टल लॉन्च करते हुए इसकी घोषणा की है. उत्तराखंड अब यूसीसी लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है. उत्तराखंड में आज यानी सोमवार से समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी एक्ट लागू हो गया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आधिकारिक पोर्टल लॉन्च करने की घोषणा की है. उत्तराखंड अब यूसीसी लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है. यूसीसी लागू करने की तारीख पहले से ही तय थी.
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यूसीसी पोर्टल लॉन्च करते समय, पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ``आज न केवल उत्तराखंड के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन है.`` ड्राफ्ट तैयार करने के लिए टीम ने कड़ी मेहनत की है. हमने जनता से किया वादा पूरा किया है. यूसीसी किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है, लेकिन यह अब राज्य में सभी धर्मों की महिलाओं को समान अधिकार प्रदान करेगा. यूसीसी के माध्यम से महिलाएं सशक्त होंगी. हलाला प्रथा, बहुविवाह और बाल विवाह पर प्रतिबंध लगाया जाएगा.
#WATCH | Dehradun: Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami says, "Today is a historic day not only for our state but for the entire country as we are implementing UCC (Uniform Civil Code) in the state..." pic.twitter.com/jiCMPUkBYL
— ANI (@ANI) January 27, 2025
यूसीसी लागू करते समय सीएम धामी ने कहा कि यह कानून समाज में एकरूपता लाएगा और सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और जिम्मेदारियां तय करेगा. समान नागरिक संहिता के अंतर्गत जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर भेदभाव करते हुए व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लाने का प्रयास किया गया है.
भाजपा ने 2022 के विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड में यूसीसी के कार्यान्वयन को एक प्रमुख चुनावी वादा बनाया था. मुख्यमंत्री का पद संभालने के तुरंत बाद पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में पहली कैबिनेट बैठक में यूसीसी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई और इसका मसौदा तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया.
उत्तराखंड यूसीसी विवाह, तलाक, विरासत, लिव-इन रिलेशनशिप और अन्य संबंधित मामलों को विनियमित करेगा. यूसीसी बहुविवाह और हलाला पर रोक लगाते हुए सभी धर्मों में पुरुषों और महिलाओं के लिए तलाक के लिए समान विवाह आयु, आधार और प्रक्रियाएं निर्धारित करता है. 27 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया, जिसने लगभग डेढ़ साल तक विभिन्न विभागों के साथ चर्चा के आधार पर अपनी चार-भाग की रिपोर्ट 27 मई 2022 को राज्य सरकार को सौंपी. रिपोर्ट के आधार पर 7 फरवरी 2024 को विधानसभा के विशेष सत्र में यूसीसी बिल पारित किया गया और एक महीने बाद 12 मार्च 2024 को राष्ट्रपति ने भी अपनी सहमति दे दी.
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