Updated on: 16 August, 2024 01:44 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि वह कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (सपा) द्वारा महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) के मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में घोषित किसी भी उम्मीदवार का समर्थन करेंगे.
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एमवीए कार्यकर्ताओं से `स्वार्थ से ऊपर उठकर महाराष्ट्र के गौरव की रक्षा के लिए लड़ने` को कहा. फाइल फोटो
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि वह कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (सपा) द्वारा महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) के मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में घोषित किसी भी उम्मीदवार का समर्थन करेंगे.
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मुंबई में विपक्षी ब्लॉक एमवीए के पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि विधानसभा चुनाव "महाराष्ट्र के स्वाभिमान को बचाने की लड़ाई" है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अक्टूबर या नवंबर में होने की संभावना है. एमवीए में सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (सपा) और कांग्रेस शामिल हैं.
ठाकरे ने कहा, "कांग्रेस और एनसीपी (सपा) द्वारा एमवीए के सीएम चेहरे के रूप में घोषित किसी भी उम्मीदवार का समर्थन करेंगे. मुझे ऐसा नहीं लगता कि मैं अपने लिए लड़ रहा हूं, मैं महाराष्ट्र के अधिकारों के लिए लड़ रहा हूं." उन्होंने जोर देकर कहा कि नतीजों का इंतजार करने और प्रत्येक पार्टी के प्रदर्शन के आधार पर निर्णय लेने के बजाय पहले मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार तय किया जाना चाहिए.
Shiv Sena (UBT) chief Uddhav Thackeray says, "I am announcing that be it Waqf Board or any temple or other religious property, I will not let anyone touch those properties at any cost. This is my promise. This is not a question of just the Board. It’s a matter of our temples… pic.twitter.com/axUMqIPW4d
— ANI (@ANI) August 16, 2024
उद्धव ठाकरे ने एमवीए कार्यकर्ताओं से "स्वार्थ से ऊपर उठकर महाराष्ट्र के गौरव और हितों की रक्षा के लिए लड़ने" को कहा. उन्होंने उनसे राज्य में विपक्षी गठबंधन के दूत बनने का भी आग्रह किया. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की वकालत पर ठाकरे ने आश्चर्य जताया कि क्या उन्होंने हिंदुत्व छोड़ दिया है.
गुरुवार को लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, "मैं कहूंगा कि यह समय की मांग है कि भारत में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता हो. हम 75 साल सांप्रदायिक नागरिक संहिता के साथ रहे हैं. अब हमें धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की ओर बढ़ना होगा. तभी धर्म आधारित भेदभाव समाप्त होगा."
उन्होंने वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर भी प्रधानमंत्री पर निशाना साधा और पूछा कि जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पूर्ण बहुमत में थी तो इसे पारित क्यों नहीं किया गया.
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