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महाविकास आघाड़ी ने उठाई महिला सुरक्षा और योजनाओं की आवाज, राज्यपाल से हुई गंभीर चर्चा

Updated on: 04 June, 2025 11:16 AM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar | ujwala.dharpawar@mid-day.com

महाविकास आघाड़ी की महिला नेताओं ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात कर वैष्णवी हगावने प्रकरण की CID जांच, लाडकी बहिन योजना के लिए स्वतंत्र बजट, महिला आयोग की निष्पक्ष नियुक्ति और पुणे में अवैध निर्माण व नशाखोरी पर सख्त कार्रवाई जैसी पांच बड़ी मांगें रखीं.

इस प्रतिनिधिमंडल में शिवसेना (उद्धव गुट) की सुषमा अंधारे, किशोरी पेडनेकर, जयश्री शेलके, एनसीपी (शरद पवार गुट) की रोहिणी खडसे, विद्या चव्हाण, कांग्रेस विधायक ज्योति गायकवाड़ सहित कई महिला नेता शामिल थीं.

इस प्रतिनिधिमंडल में शिवसेना (उद्धव गुट) की सुषमा अंधारे, किशोरी पेडनेकर, जयश्री शेलके, एनसीपी (शरद पवार गुट) की रोहिणी खडसे, विद्या चव्हाण, कांग्रेस विधायक ज्योति गायकवाड़ सहित कई महिला नेता शामिल थीं.

मंगलवार को महाविकास आघाड़ी की महिला नेताओं ने राज्यपाल रमेश बैस से राजभवन में मुलाकात कर राज्य की महिलाओं से जुड़े ज्वलंत मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की. यह बैठक प्रारंभ में सीमित समय के लिए निर्धारित थी, लेकिन विषयों की गंभीरता को देखते हुए राज्यपाल ने कुल 55 मिनट का समय दिया, जिससे प्रतिनिधिमंडल संतुष्ट नजर आया. बैठक का वातावरण सौहार्दपूर्ण और उत्साहवर्धक रहा.

महिला नेताओं ने वैष्णवी हगावने आत्महत्या प्रकरण को प्रमुखता से उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में पुलिस और राजनीतिक दबाव के संकेत हैं. नेताओं ने मांग की कि यह प्रकरण CID को सौंपा जाए. साथ ही, खड़क पुलिस स्टेशन के निरीक्षक शशिकांत चव्हाण और पुलिस अधिकारी जालिंदर सुपेकर को मामले से दूर रखा जाए और उनकी संपत्तियों की जांच की जाए.


दूसरी बड़ी मांग ‘लाडकी बहिन योजना’ से जुड़ी रही. नेताओं ने स्पष्ट किया कि इस योजना के लिए अलग बजटीय प्रावधान किया जाए और सामाजिक न्याय या आदिवासी कल्याण विभाग की निधि का उपयोग न किया जाए. महाज्योति सारथी योजना के तहत शोध छात्रों को छात्रवृत्ति में देरी पर भी चिंता जताई गई और तुरंत वितरण की मांग की गई.


पुणे के लोहेगांव, विमान नगर, विश्रांतवाड़ी और धानोरी क्षेत्र में अवैध वेतन निर्माण और बढ़ते नशाखोरी के मामलों पर भी चर्चा हुई. प्रतिनिधिमंडल ने पुणे पुलिस आयुक्त को सख्त कार्रवाई के निर्देश देने की मांग की और नशा विरोधी अभियान को तेज करने पर जोर दिया.

राज्य में महिलाओं और लड़कियों के बढ़ते लापता मामलों को लेकर विशेष खोज सेल को सक्रिय करने की सिफारिश की गई, जिससे इन मामलों की तुरंत जांच हो सके.


अंत में, राज्य महिला आयोग के कामकाज पर चर्चा की गई. प्रतिनिधिमंडल ने सुझाव दिया कि आयोग के अध्यक्ष पद पर राजनीतिक पृष्ठभूमि से जुड़े व्यक्ति की नियुक्ति न की जाए. रिक्त सदस्य पदों को शीघ्रता से भरा जाए और हर विभागीय स्तर पर आयोग का कार्यालय खोला जाए.

 

 

इस प्रतिनिधिमंडल में शिवसेना (उद्धव गुट) की सुषमा अंधारे, किशोरी पेडनेकर, जयश्री शेलके, एनसीपी (शरद पवार गुट) की रोहिणी खडसे, विद्या चव्हाण, कांग्रेस विधायक ज्योति गायकवाड़ सहित कई महिला नेता शामिल थीं.

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