अनीस अहमद का यह निर्णय महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है, विशेषकर नागपुर की राजनीति के परिप्रेक्ष्य में.
अनीस अहमद का यह कदम आगामी विधानसभा चुनावों के समीकरण को बदल सकता है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, वे नागपुर मध्य विधानसभा सीट से वंचित बहुजन अघाड़ी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे.
राजगृह में आयोजित इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में अनीस अहमद ने प्रकाश अंबेडकर के नेतृत्व की तारीफ की और वीबीए के उद्देश्यों से प्रभावित होकर इस पार्टी में शामिल होने का कारण बताया.
उन्होंने कहा कि वंचित बहुजन अघाड़ी की नीतियां और समाज के पिछड़े वर्गों के लिए किए जा रहे प्रयास उन्हें बेहद प्रेरणादायक लगे. उनके अनुसार, वीबीए एक ऐसी पार्टी है जो समाज के सभी वर्गों को न्याय और समानता दिलाने के लिए तत्पर है.
कांग्रेस पार्टी के लिए यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि अनीस अहमद एक अनुभवी नेता हैं और उन्होंने पार्टी में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है. उनके इस कदम के बाद कांग्रेस में हलचल मच गई है, और पार्टी को नागपुर क्षेत्र में नए रणनीतियों पर विचार करना पड़ेगा.
इस घटनाक्रम ने नागपुर क्षेत्र के चुनावी माहौल को गर्मा दिया है. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अनीस अहमद के वीबीए में शामिल होने से नागपुर में कांग्रेस के वोट बैंक पर असर पड़ सकता है, और यह चुनावी समीकरणों में बड़ा बदलाव ला सकता है.
नागपुर मध्य विधानसभा सीट पर अब एक कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है, जहां अनीस अहमद वीबीए के उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस और अन्य दलों के प्रत्याशियों का सामना करेंगे.
राजनीतिक गलियारों में इस कदम को लेकर चर्चाएं तेज हैं और आगामी चुनावों में इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा. अनीस अहमद का वीबीए में शामिल होना इस बात का संकेत है कि महाराष्ट्र की राजनीति में दल बदल का दौर अभी जारी रहेगा और चुनावी माहौल में नए मोड़ आ सकते हैं.
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