उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को दादर स्थित सेना भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा पर हिंदुत्व छोड़ने का आरोप लगाया. (PICS/Ashish Raje)
उन्होंने पूछा, “क्या भाजपा ने अपना हिंदू धर्म त्याग दिया है? अगर मुसलमान हमें वोट दें, तो वह तुष्टिकरण कहलाता है, लेकिन जब भाजपा अल्पसंख्यकों तक पहुंचने की कोशिश करे, तो वह ‘सांप्रदायिक समरसता’ कैसे हो जाती है?”
भाजपा की अल्पसंख्यक शाखा द्वारा शुरू किए गए `सौगात-ए-मोदी` अभियान के तहत 3.2 मिलियन मुस्लिम परिवारों से संपर्क कर ईद किट बांटी जाएंगी.
इसे मुस्लिम समुदाय तक पहुंचने की पहल बताया गया है. ठाकरे ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि यह महज चुनावी लाभ के लिए एक रणनीति है, जिसे उन्होंने `सत्ता जिहाद` तक कह डाला.
शिवसेना (यूबीटी) और भाजपा, जो कभी हिंदुत्व के साझा मंच पर सबसे पुराने सहयोगी रहे हैं, अब एक-दूसरे के कट्टर विरोधी बन चुके हैं. 2014 में सीट बंटवारे को लेकर हुई खटास के बाद यह गठबंधन टूट गया.
2019 में उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार बनाई, जिसके बाद भाजपा ने उन्हें ‘हिंदुत्व छोड़ने वाला’ करार दिया.
उद्धव ठाकरे ने महायुति सरकार (भाजपा, शिंदे गुट और अजित पवार गुट) पर चुनावी वादे न निभाने का भी आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि पिछले साल जून में महिलाओं को ₹1500 प्रतिमाह देने का वादा किया गया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ.
वहीं ‘लड़की बहन योजना’ के तहत एमवीए ने ₹3000 देने का वादा किया था, जिसके जवाब में महायुति ने ₹2100 की घोषणा की थी.
ठाकरे ने आरोप लगाया कि जनता के भले की बजाय सरकार का पूरा ध्यान केवल सत्ता में बने रहने पर है.
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