इस विवाद के बीच उद्धव ठाकरे अचानक मुंबई के हुतात्मा स्मारक पहुँचे और वहाँ शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
श्रद्धांजलि देने के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि उन्होंने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है और अब बार-बार एक ही बात दोहराने का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने चेतावनी भरे स्वर में कहा, "वे चाहे कितनी भी कोशिश क्यों न करें, मुंबई को मराठी लोगों से अलग नहीं कर पाएंगे. मराठी माणुस मुंबई का दिल है, और यह दिल हमेशा महाराष्ट्र के साथ रहेगा."
उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि इस तरह के बयान देकर मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की साजिश रची जा रही है. उन्होंने आगे यह भी कहा कि महाराष्ट्र की एकता को तोड़ने वाले लोग इतिहास के अनाजीपंत हैं, और उन्हें किसी भी कीमत पर कामयाब नहीं होने दिया जाएगा.
इस बीच भैय्याजी जोशी के बयान से राज्य में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. विपक्ष लगातार बीजेपी पर क्षेत्रीय भावनाएँ भड़काकर राजनीतिक फायदा उठाने का आरोप लगा रहा है.
विपक्षी दल इस मामले पर बीजेपी को पूरी तरह घेरने की तैयारी में हैं. इस विवाद के कारण बीजेपी की छवि को गंभीर नुकसान पहुँचने की आशंका व्यक्त की जा रही है. आने वाले दिनों में बीजेपी के लिए इस मुद्दे से राजनीतिक संकट बढ़ सकता है. उद्धव ठाकरे के आक्रामक तेवर से राज्य में राजनीतिक माहौल गर्म हो चुका है.
मुंबई और महाराष्ट्र की अस्मिता का मुद्दा बन चुके इस विवाद ने बीजेपी को बैकफुट पर ला दिया है, और आने वाले दिनों में स्थिति और भी संवेदनशील हो सकती है.
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