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ईरान के खिलाफ अमेरिका का तगड़ा वार, डोनाल्ड ट्रंप का ऐलान - `ईरान अब परमाणु शक्ति नहीं बनेगा`

Updated on: 22 June, 2025 12:54 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

US Attack On Iran Nuclear Plant: अमेरिका ने इजरायल-ईरान युद्ध में अपनी एंट्री करते हुए ईरान के तीन प्रमुख परमाणु प्रोजेक्ट्स पर बमबारी की. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही यह साफ कर दिया था कि वह किसी भी हालत में ईरान को परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देंगे.

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इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष में अब अमेरिका भी पूरी तरह से शामिल हो गया है. पिछले कुछ दिनों से इजरायल ईरान पर लगातार हमले कर रहा था, और अब अमेरिका ने भी अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हुए ईरान के तीन प्रमुख परमाणु प्रोजेक्ट्स पर बमबारी की है. इस हमले के लिए अमेरिका ने अपने सबसे घातक हथियारों का इस्तेमाल किया है, जो कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को समाप्त करने की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है.



 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इससे पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि वह किसी भी हालत में ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने की अनुमति नहीं देंगे. व्हाइट हाउस से देश को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, "मैंने पहले ही यह तय कर लिया था कि ईरान को परमाणु हथियार नहीं मिल सकते. यह सिर्फ इजरायल के लिए नहीं, बल्कि अमेरिका के लिए भी खतरा है." ट्रंप का यह बयान ईरान के लगातार विरोधी रुख को लेकर था, जिसमें वे अमेरिका और इजरायल के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की धमकियां देते रहे हैं. ट्रंप ने यह भी कहा कि अगर ईरान शांति की ओर कदम नहीं बढ़ाता, तो अमेरिका और भी बड़ा कदम उठाने को तैयार है.


इस हमले के दौरान, राष्ट्रपति ट्रंप के साथ उप राष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ भी मौजूद थे, जो इस कार्रवाई के समर्थन में खड़े थे. ट्रंप का कहना था कि पिछले 40 वर्षों से ईरान लगातार अमेरिका और इजरायल के खात्मे की बात कर रहा है, और अब यह स्थिति अधिक गंभीर हो गई है.

 

अमेरिका का यह कदम वैश्विक राजनीति में एक नए मोड़ की शुरुआत हो सकता है. इजरायल द्वारा पहले से ही ईरान पर हमले किए जाने के बाद, अमेरिका की सैन्य कार्रवाई ने इस संघर्ष को और भी गहरा कर दिया है. हालांकि, इससे अंतर्राष्ट्रीय कूटनीतिक स्थिति में नई चुनौतियाँ सामने आ सकती हैं, लेकिन ट्रंप ने इसे ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को खत्म करने का एक जरूरी कदम बताया.

यह हमला न केवल ईरान के खिलाफ, बल्कि पूरे मध्य पूर्व में एक नई शक्ति संघर्ष की शुरुआत हो सकता है.

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