Updated on: 20 August, 2025 08:36 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
इज़राइली सेना ने आतंकवादी मोहम्मद नाइफ अबू शामला को मारने की पुष्टि की हो जो इज़राइल के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल था.
युद्ध के दौरान, अबू शामला ने हमास आतंकवादी संगठन में अपनी भूमिका के तहत आईडीएफ बलों और इज़राइल राज्य के खिलाफ कई आतंकवादी योजनाओं को बढ़ावा दिया. प्रतीकात्मक तस्वीर
इज़राइली सेना ने 13 अगस्त, 2025 को, दक्षिणी खान यूनिस में हमास आतंकवादी संगठन के नुखबा प्लाटून के कमांडर, आतंकवादी मोहम्मद नाइफ अबू शामला को मार गिराया. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार इज़राइली सेना ने आतंकवादी मोहम्मद नाइफ अबू शामला को मारने की पुष्टि की हो जो इज़राइल के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल था.
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रिपोर्ट के मुताबिक अबू शामला ने इज़राइली क्षेत्र में घुसपैठ की और 7 अक्टूबर के नरसंहार के दौरान आईडीएफ (इज़राइल रक्षा बल) की मार्स चौकी पर घुसपैठ के प्रयास में भाग लिया. युद्ध के दौरान, उसने हमास आतंकवादी संगठन में अपनी भूमिका के तहत आईडीएफ बलों और इज़राइल राज्य के खिलाफ कई आतंकवादी योजनाओं को बढ़ावा दिया.
नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास में प्रभारी रोमन बाबुश्किन ने बुधवार को भारत-रूस संबंधों और अमेरिका द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद पर लगाए गए टैरिफ पर चर्चा के लिए एक प्रेस वार्ता आयोजित की. रिपोर्ट के अनुसार टैरिफ लगाने के वाशिंगटन के फैसले और रूस से तेल आयात के संबंध में नई दिल्ली पर डाले जा रहे दबाव की तीखी आलोचना करते हुए, बाबुश्किन ने इन उपायों को "अनुचित और एकतरफा" करार दिया. उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार को रूस-भारत अंतर-सरकारी आयोग (आईआरआईजीसी) की सह-अध्यक्षता करने के लिए मास्को की यात्रा पर रवाना हुए.
दिल्ली में प्रेस को संबोधित करते हुए, बाबुश्किन ने कहा, "अगर भारतीय वस्तुओं को अमेरिकी बाजार में प्रवेश करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, तो रूसी बाजार भारतीय निर्यात का स्वागत कर रहा है." रिपोर्ट के मुताबिक भारत से रूसी तेल आयात कम करने के अमेरिका के बार-बार आह्वान के बारे में, बाबुश्किन ने कहा कि रूस तेल का सबसे बड़ा उत्पादक है और भारत सबसे बड़ा उपभोक्ता है.
इस बीच, मॉस्को में, जयशंकर रूस-भारत आईआरआईजीसी की सह-अध्यक्षता कर रहे हैं, जो व्यापार, ऊर्जा, वित्त और रक्षा पर द्विपक्षीय सहयोग के लिए एक प्रमुख मंच है. बाबुश्किन ने जयशंकर की यात्रा के महत्व पर ज़ोर देते हुए आईआरआईजीसी को "रूसी-भारतीय सहयोग का मुख्य तंत्र" बताया. बाबुश्किन ने कहा, "वर्तमान में, विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर, 20 अगस्त को आईआरआईजीसी की सह-अध्यक्षता करने के लिए रूस में हैं. हमारी बैठक बहुत ही सामयिक है. हम अपने गणमान्य व्यक्तियों को उनकी चर्चाओं में सहयोग प्रदान कर रहे हैं. कल, डॉ. जयशंकर रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात करेंगे."
उन्होंने आईआरआईजीसी के महत्व पर भी ज़ोर दिया और कहा, "आईआरआईजीसी रूसी-भारतीय व्यावहारिक सहयोग का मुख्य तंत्र है. यह नेताओं के बीच संपर्क का आधार तैयार करता है. जैसा कि आप जानते होंगे, ऐसी खबरें हैं कि साल के अंत तक, नेता दिल्ली में मिलेंगे, हालाँकि अभी तक कोई तारीख घोषित नहीं की गई है." आईआरआईजीसी की बैठकें मॉस्को और नई दिल्ली के बीच बारी-बारी से होती हैं, और बाबुश्किन के अनुसार, इस वर्ष के एजेंडे में "व्यापार, निवेश, वित्तीय सहयोग, ऊर्जा सहयोग, परमाणु ऊर्जा, संस्कृति, बुनियादी ढाँचा आदि" शामिल होंगे. उन्होंने आगे कहा, "इसके अलावा, एक द्विपक्षीय व्यापार मंच का आयोजन भी किया जा रहा है, जिसकी सह-मेजबानी मॉस्को सरकार की भारत के साथ सहयोग पर व्यापार परिषद और भारत के फिक्की द्वारा की जा रही है. भविष्य की संभावनाओं पर विचार करते हुए, बाबुश्किन ने कहा, "भविष्य की बैठकों में चीन में एससीओ शिखर सम्मेलन भी शामिल है. ऐसी खबरें हैं कि हमारे नेता वहाँ भी मिलने की योजना बना रहे हैं. आगे प्रतिनिधिमंडलों का आदान-प्रदान बहुत तीव्र होगा". रूसी राजनयिक ने यह भी बताया कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी, कश्मीर में आई विनाशकारी बाढ़ पर संवेदना व्यक्त की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ अपनी हालिया बातचीत का विवरण साझा किया.
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