परम पावन महंत स्वामी महाराज के मार्गदर्शन में मंदिर परियोजना का नेतृत्व कर रहे स्वामी ब्रह्मविहरिदास ने बताया, “इस महत्व का यज्ञ भारत के बाहर शायद ही कभी होता है. यह अवसर मंदिर के वैश्विक एकता के संदेश को श्रद्धांजलि देने का एक आदर्श तरीका था, एक ऐसा मूल्य जिसके प्रति परम पावन महंत स्वामी महाराज भावुक हैं. दिनभर जो शांति और सह-अस्तित्व जगाया गया, वह भावी पीढ़ियों के लिए आशा की किरण है जिसे मंदिर सुदृढ़ करेगा.``