Updated on: 25 August, 2025 09:32 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
लंबे समय तक चलने वाले मैचों में एकाग्रता बनाए रखना और अच्छा प्रदर्शन करना आसान नहीं होता.
रोहित शर्मा सीएट टायर्स के एक कार्यक्रम में (फोटो सौजन्य: पीटीआई)
इस साल की शुरुआत में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने वाले पूर्व कप्तान रोहित शर्मा ने इस प्रारूप को लेकर अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट बेहद चुनौतीपूर्ण और मानसिक व शारीरिक रूप से थका देने वाला होता है. लंबे समय तक चलने वाले मैचों में एकाग्रता बनाए रखना और अच्छा प्रदर्शन करना आसान नहीं होता. रोहित ने कहा कि इन मुश्किलों से पार पाने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की और हर मैच की गंभीरता से तैयारी पर खास ध्यान दिया.
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38 वर्षीय रोहित शर्मा ने अपने टेस्ट करियर में 67 टेस्ट मैचों में 40.58 की औसत से कुल 4301 रन बनाए. टी20 विश्व कप जीतने के बाद उन्होंने टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों से संन्यास ले लिया और फिर मई में टेस्ट प्रारूप को अलविदा कह दिया. रोहित ने सोमवार को मुंबई में आयोजित सिएट टायर्स के एक कार्यक्रम में पैनल चर्चा के दौरान अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में लंबे समय तक टिके रहना सबसे बड़ी परीक्षा है और इसके लिए उचित तैयारी और निरंतर कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है. रोहित ने आगे कहा कि जब उन्होंने प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलना शुरू किया, तो मुंबई में आयोजित क्लब क्रिकेट मैचों में दो-तीन दिन तक खेलने का अनुभव उनके लिए काफी मददगार रहा. इस अनुभव के कारण, उन्हें हर तरह की परिस्थितियों का सामना करना अपेक्षाकृत आसान लगा.
रोहित ने आगे कहा कि आजकल कई युवा खिलाड़ी अपने करियर की शुरुआत में अच्छी तैयारी के महत्व को नहीं समझते. शुरुआत में वे तैयारी को गंभीरता से नहीं लेते, लेकिन समय के साथ वे इसकी अहमियत और ज़रूरत को समझते हैं. रोहित ने ज़ोर देकर कहा कि चाहे क्रिकेट हो या जीवन का कोई भी क्षेत्र, सफलता के लिए उचित और योजनाबद्ध तैयारी बेहद ज़रूरी है.
हाल ही में, पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कोच राहुल द्रविड़ ने भारत के टी20 विश्व कप विजेता कप्तान रोहित शर्मा के नेतृत्व कौशल की प्रशंसा की. पूर्व भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के एक पॉडकास्ट में उन्होंने कहा, "मेरे कोचिंग कार्यकाल के दौरान, रोहित शर्मा को सबसे पहले टीम की परवाह थी और वह पहले दिन से ही इस बारे में बहुत स्पष्ट थे कि वह टीम को कैसे चलाना चाहते हैं और उनके लिए क्या महत्वपूर्ण है. कप्तान और कोच के साथ किसी भी रिश्ते में यह बहुत महत्वपूर्ण है." राहुल ने आगे कहा, "वह इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट थे कि वह टीम से क्या चाहते हैं, किस तरह का माहौल चाहते हैं, चीजों को कैसे चलाना चाहते हैं. मुझे लगता है कि उनके पास वर्षों का काफी अनुभव था जिससे उन्हें वास्तव में मदद मिली. वह इन चीजों को लेकर बहुत स्पष्ट थे. मुझे उनके साथ काम करने में किसी और से ज्यादा मजा आया. उनकी सबसे बड़ी ताकत खिलाड़ियों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ने की उनकी क्षमता है."
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