Updated on: 13 September, 2025 10:51 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
इससे पहले, बीसीसीआई का ऑनलाइन गेमिंग कंपनी ड्रीम 11 के साथ 358 करोड़ रुपये प्रति वर्ष का सौदा बिल के पारित होने के कारण अधूरा रह गया था, जिसमें प्रतिबंध लगा दिया गया था.
राजीव शुक्ला (तस्वीर: फाइल तस्वीर)
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा कि टीम इंडिया के नए जर्सी प्रायोजक का चयन अगले दो-तीन हफ़्तों में कर लिया जाएगा और बोलियाँ 16 सितंबर को बंद होंगी. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार फ़िलहाल, टीम इंडिया बिना किसी प्रायोजक के एशिया कप 2025 में खेल रही है. इससे पहले, बीसीसीआई का ऑनलाइन गेमिंग कंपनी ड्रीम 11 के साथ 358 करोड़ रुपये प्रति वर्ष का सौदा ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन और रेगुलेशन बिल के पारित होने के कारण अधूरा रह गया था, जिसमें रियल-मनी गेमिंग ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. बीसीसीआई ने तब से एक नया टेंडर जारी किया है जो रियल-मनी गेमिंग, सट्टेबाजी, क्रिप्टोकरेंसी या मादक उत्पादों से जुड़ी कंपनियों को बोली लगाने से रोकता है.
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रिपोर्ट के मुताबिक शुक्ला ने कहा, "निविदा प्रक्रिया जारी कर दी गई है और इसमें कई बोलीदाता हैं. इसके अंतिम रूप देने के बाद हम आपको बताएँगे. मुझे लगता है कि इसे 15-20 दिनों में अंतिम रूप दे दिया जाएगा." यह पूछे जाने पर कि क्या बोली लगाने वालों में कोई अग्रणी है, शुक्ला ने कहा, "नहीं, अभी तक कोई नाम तय नहीं है. बोली लगाने वाले बहुत हैं. अंतिम निर्णय के बाद हम आपको बताएँगे." शुक्ला ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के टिकटों पर हाल ही में हुई जीएसटी वृद्धि के बारे में भी बात की, जिसके बाद अब ये टिकट कैसीनो और रेस क्लबों के साथ 40 प्रतिशत के स्लैब में आ गए हैं. शुक्ला जानते हैं कि आईपीएल टिकटों की कीमतों में बढ़ोतरी का असर पड़ेगा, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि लोग मैच देखने आते रहेंगे.
उन्होंने कहा, "मैं देख रहा हूँ कि बहुत सारे आम लोग आईपीएल देखने आते हैं. इसका निश्चित रूप से असर पड़ेगा. लेकिन मुझे उम्मीद है कि बहुत सारे लोग आईपीएल देखने आएंगे." रिपोर्ट के अनुसार पहले 500 रुपये वाला टिकट अब 700 रुपये में मिलेगा, जबकि 2,000 रुपये वाला टिकट अब 2,800 रुपये में मिलेगा. नियमित अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मैचों के टिकटों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता रहेगा.
बीसीसीआई को टैक्स छूट मिलने की आलोचना पर उन्होंने कहा, "बीसीसीआई एक कॉर्पोरेट कंपनी की तरह आयकर चुकाता है. वह जीएसटी भी देता है. हमें कोई छूट नहीं है. हम हज़ारों करोड़ रुपये टैक्स देते हैं. राज्य संघ भी टैक्स देते हैं. और हम सरकार से एक रुपया भी अनुदान नहीं लेते." रिपोर्ट के मुताबिक महिला क्रिकेट के विकास पर बोलते हुए, शुक्ला ने कहा, "काफी प्रयास किए जा रहे हैं... बस एक ही चुनौती है कि स्टेडियम खचाखच भरा हो. महिलाएं भी मैच देखने आएं. हमारी तरफ से, हम सब कुछ कर रहे हैं. वेतन भी बराबर है." 66 वर्षीय शुक्ला ने आगे कहा कि बोर्ड सभी पहलों और सुविधाओं का ध्यान रखता है, और उनके सामने एकमात्र चुनौती महिलाओं के मैचों के लिए दर्शकों की कम संख्या है. उन्होंने कहा, "हम महिलाओं को बढ़ावा दे रहे हैं, टूर्नामेंट आयोजित कर रहे हैं, सभी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं. बस एक ही बात है कि लोग आकर महिलाओं के मैच देखें."
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