आमतौर पर जब भारत-पाकिस्तान का मुकाबला होता है और भारत जीतता है, तो मुंबई के मरीन ड्राइव पर ढोल-नगाड़े बजते हैं और लोग उत्साह के साथ जश्न मनाते हैं. लेकिन बीती रात, यानी रविवार को स्थिति काफी शांत रही. (Pics/Ashish Raje)
बता दें, इस बार जश्न की कमी के पीछे कई कारण हैं. एक प्रमुख वजह यह है कि इस साल हाल ही में पहलगाम (Pahalgam) में हुए आतंकी हमले ने देश में पाकिस्तान के खिलाफ खेल को लेकर काफी विरोध और संवेदनशीलता पैदा की है.
इस घटना के बाद से कई लोग इस मुकाबले को लेकर सावधानी और जिम्मेदारी दिखा रहे हैं.
इस बावजूद, BCCI ने भारत-पाकिस्तान मुकाबला एशिया कप के सुपर-4 में शामिल किया. खेल प्रेमियों का कहना है कि खेल अपने आप में उत्साहजनक है, लेकिन देशभक्ति और सुरक्षा जैसी भावनाओं ने मुंबई में जश्न को प्रभावित किया.
क्रिकेट विशेषज्ञों का भी मानना है कि खेल के प्रति लोग अपनी भक्ति और उत्साह व्यक्त करते हैं, लेकिन इस बार सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों ने इसे थोड़ा प्रभावित किया.
मैच की बात करें तो भारत की टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तान को चुनौती देने का कोई मौका नहीं दिया.
मुंबई के शांत माहौल ने यह दिखा दिया कि खेल प्रेम और उत्साह का प्रदर्शन सिर्फ जीत के जश्न तक ही सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियाँ भी इसे प्रभावित कर सकती हैं. इस प्रकार, भारत की जीत के बावजूद मुंबई की सड़कों पर इस बार न कोई ढोल बजा, न कोई जश्न मनाया गया.
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