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नए अध्यक्ष संजय सिंह की मान्यता रद्द, साक्षी मलिक बोलीं- `यह पहला कदम है...`

Updated on: 24 December, 2023 04:26 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

रविवार को मंत्रालय ने नव निर्वाचित संघ को खारिज किया.

Representation Pic

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Sakshi Malik on WFI`s suspension: रविवार को खेल मंत्रालय ने बड़ा निर्णय लेते हुए नव निर्वाचित कुश्ती संघ को खारिज कर दिया. इसे तब किया गया था, जब WFI के चुनाव गुरुवार, 21 दिसंबर को संपन्न होने के बाद से एक लगातार विवाद से घिरा हुआ था. साक्षी मलिक ने इस संघ के चुनाव पर अपने दुख व्यक्त करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपने जूते उतारकर मेज पर रख दिए और उन्होंने कुश्ती से इस्तीफा देने का निर्णय लिया था. इसके बाद, जब रविवार को मंत्रालय ने नव निर्वाचित संघ को खारिज किया, इस पर पहलवान साक्षी मलिक ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी. उन्होंने यह बताया कि `उनकी लड़ाई सरकार के साथ नहीं है, बल्कि यह केवल खिलाड़ियों के लिए है. हमारी लड़ाई सिर्फ एक आदमी से थी, हमारी लड़ाई महिलाओं के लिए है...`

इसके साथ ही उन्होंने कहा- `यह पहलवानों की बेहतरी के लिए हुआ है. हम तो कह रहे थे कि यह बेटियों और बहनों की लड़ाई है, यह पहला कदम है...`



 


कुश्ती संघ पिछले एक वर्ष से चल रहे विवादों में शामिल हैं, जिसके दौरान देश की कई बड़ी महिला पहलवानों ने WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. इसके अलावा, मामले में पहलवानों ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन भी किया था. खेल मंत्रालय की संलग्नता के बाद पहलवानों ने अपना प्रदर्शन बंद कर दिया था, और इसके बाद कुश्ती संघ को भी भंग कर दिया गया था. उसके बाद, कुश्ती संघ के चुनाव हुए, जिसमें संजय सिंह ने जीत हासिल की। सिंह ने इस चुनाव में 40-7 के अंतर से जीत हासिल की और अनीता सिंह श्योराण को हराया.

बता दें, खेल मंत्रालय का यह आश्चर्यजनक कदम ओलंपियन साक्षी मलिक द्वारा एक भावनात्मक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा के कुछ दिनों बाद आया. बाद में, उनके साथी ओलंपियन बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री वापस लौटाने का फैसला किया. पहलवान स्टार्स ने पहले ही विरोध प्रदर्शन का संगठन किया था और उन्होंने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. डब्ल्यूएफआई के चुनाव 21 दिसंबर को हुए थे, जिसमें पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण के वफादार संजय सिंह और उनके पैनल ने बड़े अंतर से चुनाव जीता था.

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