Updated on: 25 May, 2024 07:50 AM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
Vat Savitri Vrat 2024: ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन वट सावित्री व्रत किया जाता है. कुछ स्थानों पर इसे पूर्णिमा पर भी उपवास किया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस पेड़ में भगवान विष्णु, ब्रह्मा जी और शिवजी का वास है.
जोगेश्वरी स्टेशन पर महिलाएं वट पूर्णिमा मनाती हुई. तस्वीर/अतुल कांबले
Vat Savitri Vrat 2024: ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन वट सावित्री व्रत किया जाता है. कुछ स्थानों पर इसे पूर्णिमा पर भी उपवास किया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस पेड़ में भगवान विष्णु, ब्रह्मा जी और शिवजी का वास है. इस दिन बरगद (वट वृक्ष) के पेड़ की पूजा करने से पति और परिवार को भी सौभाग्य प्राप्त होता है.
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पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन व्रत करने से पति की अकाल मृत्यु का खतरा भी टल जाता है. सुबह से उपवास करके महिलाएं वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की पूजा करते हैं. ऐसा करने से पति की लंबी उम्र और संतान प्राप्ति की मनोकामना भी पूरी हो जाती है. (Vat Savitri Vrat 2024)
कथा के अनुसार सावित्री ने अपने पति सत्यवान के प्राणों की वापसी के लिए यमराज को भी विवश कर दिया था. उन्होंने इसी दिन अपने पति के आयुष्मान होने और पुत्रवती होने का वर यमराज से मांगा था.
वट सावित्री व्रत (अमावस्या) – 6 जून 2024
वट सावित्री (पूर्णिमा) - 21 जून 2024
जानिए इस दिन की पूजन विधि-
पूर्णिमा पर भी होती वट वृक्ष की पूजा
पद्म पुराण के अनुसार वट वृक्ष को भगवान विष्णु का रूप माना जाता है और किसी भी पूर्णिमा तिथि में भगवान विष्णु की विशेष पूजा होती है। चूंकि ज्येष्ठ महीने में ही वट सावित्री अमावस्या होती है, इसी वजह से 15 दिन बाद इसी महीने की पूर्णिमा तिथि को दोबारा वट वृक्ष की पूजा का विधान है। इसके अलावा वट वृक्ष की स्वयं की उम्र भी काफी लंबी होती है. इसलिए आयुष्मान होने का आशीर्वाद इसी वृक्ष से मांगा जाता है. (Vat Savitri Vrat 2024)
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