होम > मुंबई > मुंबई क्राइम न्यूज़ > आर्टिकल > साइबर माफिया का बड़ा जाल! भारतीयों को विदेश में बंधक बनाकर कराई जा रही ठगी

साइबर माफिया का बड़ा जाल! भारतीयों को विदेश में बंधक बनाकर कराई जा रही ठगी

Updated on: 15 October, 2025 02:06 PM IST | Mumbai
Anish Patil | anish.patil@mid-day.com

मीरा-भायंदर, वसई-विरार पुलिस ने पाँच भारतीय आरोपियों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी करने की प्रक्रिया शुरू की है. ये आरोपी थाईलैंड, म्यांमार और लाओस में रहकर भारतीयों को नौकरी के नाम पर फँसाते थे और वहाँ पहुँचने पर उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए जाते थे.

Pic/By Special Arrangement

Pic/By Special Arrangement

म्यांमार और लाओस में कथित मानव तस्करी और साइबर गुलामी के एक रैकेट पर बड़ी कार्रवाई करते हुए, मीरा-भयंदर, वसई-विरार पुलिस ने विदेश में रह रहे पाँच भारतीय नागरिकों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. माना जा रहा है कि ये संदिग्ध एक ऐसे नेटवर्क का हिस्सा हैं जो भारतीय नागरिकों को विदेशों में ऊँची तनख्वाह वाली नौकरियों का झांसा देकर उन्हें बंधक बनाकर ऑनलाइन धोखाधड़ी के धंधे में धकेलता है.

आरोपी - अनिल येरय्याशेट्टी पोलावरु उर्फ ​​स्टीव अन्ना उर्फ ​​लोकेश, साईकुमार मर्दाना, अदनान शेख, समीर शेख और सागर मोहिते उर्फ ​​एलेक्स उर्फ ​​कृष - वर्तमान में थाईलैंड, म्यांमार और लाओस में रह रहे हैं. जाँचकर्ताओं ने बताया कि दो चीनी नागरिक - लियो और चैसन - कथित तौर पर म्यांमार और लाओस में साइबर धोखाधड़ी कॉल सेंटर चला रहे हैं, और समन्वित अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई के लिए जल्द ही उनके बारे में विवरण केंद्रीय प्रवर्तन एजेंसियों के साथ साझा किया जाएगा.


वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि क्राइम ब्रांच यूनिट 1 द्वारा जाँचे गए दो मामलों में आकर्षक नौकरियों के बहाने भारतीयों की तस्करी विदेशों में की गई. वहाँ पहुँचने पर, उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए गए और उन्हें दुनिया भर के पीड़ितों को निशाना बनाकर साइबर धोखाधड़ी में शामिल कॉल सेंटरों में काम करने के लिए मजबूर किया गया.



जाँच ​​की निगरानी कर रहे सहायक पुलिस निरीक्षक सुशील कुमार शिंदे ने पुष्टि की कि पाँचों भारतीय संदिग्धों के खिलाफ एलओसी जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. शिंदे ने कहा, "उन पर मुख्य संचालक होने का संदेह है जिन्होंने यात्रा, भर्ती और विदेशी ऑपरेटरों के साथ समन्वय में मदद की."

पुलिस उपायुक्त (अपराध) संदीप डोईफोडे ने बताया कि पुलिस आयुक्त निकेत कौशिक के मार्गदर्शन में लाओस स्थित साइबर गुलामी अभियान के संबंध में एक नई प्राथमिकी दर्ज की गई है. इससे पहले, क्राइम ब्रांच ने म्यांमार स्थित एक कॉल सेंटर से संबंधित एक ऐसा ही मामला दर्ज किया था, जिसके बाद मुंबई में चार आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी.


मीरा रोड के दो निवासियों - नया नगर निवासी इरतिज़ा हुसैन और अम्मार लकड़ावाला - को कथित तौर पर 80,000 रुपये मासिक वेतन का वादा करके विदेश ले जाया गया और बाद में म्यांमार में तस्करी कर लाया गया, जिसके बाद जाँच शुरू हुई. वहाँ पहुँचने पर, उन्हें एक कड़ी सुरक्षा वाले परिसर में हिरासत में लिया गया और एक साइबर धोखाधड़ी कॉल सेंटर में काम करने के लिए मजबूर किया गया. जब उन्होंने विरोध किया, तो तस्करों ने कथित तौर पर उनसे 6-6 लाख रुपये की जबरन वसूली की और फिर उन्हें भारत लौटने दिया.

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "म्यांमार स्थित यू-यू8 कॉल सेंटर में ऑनलाइन धोखाधड़ी में शामिल लगभग 1000 कर्मचारी रहते थे, जिनमें से ज़्यादातर भारतीय नागरिक थे जिन्हें नौकरी के झूठे वादे करके लाया गया था." परिसर में कथित तौर पर शयनगृह, एक कैफ़ेटेरिया और प्रवेश पर प्रतिबंध था, जिससे कर्मचारी बाहर नहीं जा सकते थे. म्यांमार केंद्र की देखरेख कथित तौर पर विशाखापत्तनम निवासी येरय्याशेट्टी पोलावरु, साईकुमार मर्दाना और अदनान शेख द्वारा की जाती थी, जिनके बारे में माना जाता है कि वे थाईलैंड से काम कर रहे थे.

एक संबंधित मामले में, पुलिस ने लाओस स्थित एक कॉल सेंटर से जुड़ी एक नई प्राथमिकी भी दर्ज की, जहाँ शिकायतकर्ता इस्माइल इब्राहिम सैय्यद सहित सात लोगों को कथित तौर पर इसी तरह के साइबर धोखाधड़ी के काम में धकेला गया था. बताया जा रहा है कि यह धंधा सागर मोहिते और समीर शेख चला रहे थे, जो दोनों फिलहाल विदेश में फरार हैं.

पुलिस का मानना ​​है कि दोनों कॉल सेंटर—एक म्यांमार में और दूसरा लाओस में—चीनी नागरिक लियो और चैसन द्वारा संचालित किए जा रहे थे, जिन पर दक्षिण-पूर्व एशिया में फैले एक व्यापक मानव तस्करी और साइबर अपराध गिरोह के मास्टरमाइंड होने का संदेह है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हम चीनी संचालकों के बारे में खुफिया जानकारी जुटा रहे हैं और आगे की कार्रवाई के लिए केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय करेंगे."

अन्य आर्टिकल

फोटो गेलरी

रिलेटेड वीडियो

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK