Updated on: 08 October, 2024 02:42 PM IST | Mumbai
Faizan Khan
एनसीपी के अजित पवार गुट के नेता सचिन कुर्मी की हत्या ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। पुलिस की जांच में आरोपियों के सत्तारूढ़ पार्टी के एक नेता से करीबी संबंध होने का संदेह है.
एनसीपी नेता सचिन कुर्मी की शनिवार को हत्या कर दी गई थी.
राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अजित पवार गुट के नेता सचिन कुर्मी की हत्या ने राजनीतिक बहस को हवा दे दी है, पुलिस को संदेह है कि आरोपियों का सत्तारूढ़ सरकार में किसी राजनीतिक नेता से करीबी संबंध हो सकता है. रविवार को पुलिस ने हत्या के पीछे "व्यक्तिगत दुश्मनी" को कारण बताया था. हालांकि, हाल ही में हुई पूछताछ से पता चलता है कि गिरफ्तार आरोपी और दो अन्य, जो अभी भी फरार हैं, का सत्तारूढ़ पार्टी के एक नेता से करीबी संबंध है. बायकुला के एनसीपी नेता 43 वर्षीय कुर्मी की शनिवार सुबह धारदार हथियार से बेरहमी से हत्या कर दी गई, जिसमें तीन लोगों- आनंद काले उर्फ अन्या, विजय काकड़े उर्फ पपीता और प्रफुल्ल प्रवीण पाटकर को रविवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया.
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आरोपी कथित तौर पर कुर्मी द्वारा सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत की गई कई पूछताछ से निराश थे और उनका मानना था कि उनके प्रभाव के कारण उन्हें गलत तरीके से मामलों में फंसाया गया है.
सूत्रों का कहना है कि कुर्मी पर हत्या के प्रयास और हमले के कई मामले पहले भी हो चुके हैं. सूत्रों ने यह भी कहा है कि आरोपी कथित तौर पर इलाके के बिल्डरों के साथ जबरन वसूली में भी शामिल थे और उन्हें इस मामले में कुर्मी का हस्तक्षेप पसंद नहीं था. अदालत के आदेश के बाद तीनों फिलहाल पुलिस की हिरासत में हैं, जबकि दो और फरार संदिग्धों की जांच की जा रही है. अधिकारियों को संदेह है कि मामले के पीछे का मास्टरमाइंड कोई और है, माना जा रहा है कि उसका पुणे के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है, जहां उसे हत्या से चार दिन पहले भर्ती कराया गया था. संदिग्ध की पहचान विजय कुलकर्णी के रूप में की गई है, माना जा रहा है कि उसका सत्ताधारी पार्टी के एक नेता से संबंध है.
अधिकारी अब कुलकर्णी की भूमिका की जांच कर रहे हैं, उनका मानना है कि उसने हत्या की साजिश रची होगी. एक जांच अधिकारी ने कहा, "हम और लोगों से पूछताछ कर रहे हैं, क्योंकि हमें संदेह है कि अन्य लोग भी इसमें शामिल हो सकते हैं." मुख्य आरोपी आन्या के खिलाफ कथित तौर पर 2010 से 2024 के बीच 10 मामले दर्ज हैं, जिनमें से ज्यादातर हत्या के प्रयास के हैं. उसके साथियों पाटकर और पपीता का भी आपराधिक रिकॉर्ड है. अधिकारी ने कहा, "मुख्य आरोपी का मानना है कि धारावी पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ हाल ही में दर्ज किया गया मामला कुर्मी के प्रभाव के कारण था, जिसने उनके बीच झगड़े को फिर से भड़का दिया और उसकी नृशंस हत्या कर दी गई. कुर्मी को कई बार चाकू घोंपा गया था और उसके सिर को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया गया था."
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