Updated on: 06 October, 2025 10:36 AM IST | Mumbai
Samiullah Khan
मुंबई में दहिसर पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो ऑटोरिक्शा चालक बनकर यात्रियों को लूटते थे. दिनेश बृजराज चतुर्वेद और राकेश अंबिका तिवारी शराब पीकर बाहर आने वाले लोगों को अपना निशाना बनाते, उन्हें घर छोड़ने का बहाना करके सुनसान जगहों पर ले जाते और मारपीट के बाद नकदी, गहने और मोबाइल फोन सहित कीमती सामान लूट लेते थे.
Pic/Special Arrangement by Samiullah Khan
दहिसर पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक ऑटोरिक्शा चालक और उसका साथी शामिल है. ये लोग शराब पीकर बार और रेस्टोरेंट से बाहर आने वाले लोगों को अपना निशाना बनाते थे.
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पुलिस ने बताया कि आरोपी आमतौर पर नशे में धुत लोगों को अपना निशाना बनाते थे. पुलिस के अनुसार, उन्हें घर छोड़ने का नाटक करके, वे उन्हें सुनसान जगहों पर ले जाते थे, जहाँ वे उनके साथ मारपीट करते और उन्हें धमकाते थे, फिर उनकी नकदी, गहने और मोबाइल फोन सहित कीमती सामान लूट लेते थे.
पुलिस ने आरोपियों की पहचान दहिसर पूर्व निवासी 50 वर्षीय दिनेश बृजराज चतुर्वेद और कांदिवली पूर्व निवासी 50 वर्षीय राकेश अंबिका तिवारी के रूप में की है.
एक पीड़ित ने 29 सितंबर को दहिसर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत के अनुसार, दोनों ने कथित तौर पर 28 सितंबर को दहिसर के आनंद नगर इलाके में एक बार के बाहर से पीड़ित को ऑटोरिक्शा में बिठाया. बाद में वे उसे एक सुनसान जगह पर ले गए और उस पर हमला किया और जबरन उसकी सोने की चेन, मोबाइल फोन और डेबिट/क्रेडिट कार्ड छीन लिए.
शिकायत के आधार पर, दहिसर पुलिस ने बीएनएस की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया. एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए, पुलिस की एक टीम ने दहिसर पूर्व में गोकुलानंद होटल जंक्शन के पास जाल बिछाया और दोनों को पकड़ लिया.
तलाशी के दौरान, पुलिस ने चतुर्वेदी से चोरी का मोबाइल फोन बरामद किया और अपराध में इस्तेमाल किया गया उसका ऑटोरिक्शा भी जब्त कर लिया.
जांच से पता चला कि दोनों आदतन अपराधी हैं और उनके खिलाफ मुंबई, ठाणे और पालघर जिलों में जबरन वसूली, चोरी और संपत्ति से संबंधित अपराधों के छह से अधिक मामले दर्ज हैं.
दहिसर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक सरजेराव पाटिल ने बताया कि पुलिस निरीक्षक अशोक नाना घुगे के नेतृत्व में एक जांच दल ने, जिसमें पुलिस अधिकारी (एपीआई) जे. वाघमारे, प्रकाश लहाने, पुलिस कांस्टेबल (पीसी) अमित पाटिल, पीसी सैयद, पीसी जाधव, पीसी सुशांत जाधव, कपिल चौधरी, ओमकार राणे और महेंद्र महाले शामिल थे, सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी विश्लेषण और खुफिया जानकारी का इस्तेमाल करके मामले को सुलझाया.
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