Updated on: 27 August, 2024 07:19 PM IST | mumbai
Dipti Singh
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने शिक्षा निरीक्षक को मुंबई में अंजुमन-ए-इस्लाम ट्रस्ट के तहत बदरुद्दीन तैयबजी उर्दू हाई स्कूल का निरीक्षण करने का आदेश दिया है. बाल अधिकार प्राधिकरण ने एक अभिभावक की शिकायत का संज्ञान लेने के बाद रिपोर्ट मांगी है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि स्कूल अवैध रूप से चल रहा है.
प्रतिकात्मक तस्वीर
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने शिक्षा निरीक्षक को मुंबई में अंजुमन-ए-इस्लाम ट्रस्ट के तहत बदरुद्दीन तैयबजी उर्दू हाई स्कूल का निरीक्षण करने का आदेश दिया है. बाल अधिकार प्राधिकरण ने एक अभिभावक की शिकायत का संज्ञान लेने के बाद रिपोर्ट मांगी है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि स्कूल अवैध रूप से चल रहा है.
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अभिभावक जाहिद हुसैन इदरीसी ने दावा किया है कि स्कूल आवश्यक शैक्षिक मंजूरी के बिना चल रहा है और इस तरह सरकार, अभिभावकों और छात्रों को गुमराह कर रहा है. इदरीसी ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि स्कूल को यूडीआईएसई (शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली) के तहत मान्यता प्राप्त नहीं है, जिसकी पुष्टि सूचना के अधिकार (आरटीआई) के जवाब से हुई.
इदरीसी ने आयोग से अनुरोध किया था कि वह संज्ञान ले और स्कूल के भौतिक निरीक्षण सहित गहन जांच का आदेश दे. शिकायत में आयोग द्वारा यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है कि स्कूल शैक्षिक नियमों का अनुपालन करता है.
इदरीसी ने कहा, "अंजुमन-ए-इस्लाम के बैनर तले तथाकथित बदरुद्दीन तैयबजी उर्दू हाई स्कूल के फर्जी संचालन का पता चलने पर मैंने शिक्षा विभाग के समक्ष चिंता जताई. स्पष्ट सबूतों के बावजूद मामले को नजरअंदाज कर दिया गया. मेरी दृढ़ता के कारण आखिरकार धोखाधड़ी का पर्दाफाश हुआ. मेरा पर्दाफाश न केवल अभिभावकों और छात्रों के अधिकारों की रक्षा के लिए किया गया, बल्कि हमारी शैक्षणिक प्रणाली की अखंडता को बनाए रखने के लिए भी किया गया."
उन्होंने आगे कहा, "स्कूल की डायरी, वेबसाइट और प्रवेश विज्ञापनों की बारीकी से जांच करने के बाद, मुझे पता चला कि अंजुमन-ए-इस्लाम बदरुद्दीन तैयबजी उर्दू हाई स्कूल नाम से एक स्कूल चला रहा था, जिसे न तो सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त थी और न ही आधिकारिक शैक्षिक रिकॉर्ड में सूचीबद्ध किया गया था. इस धोखाधड़ी से स्तब्ध होकर मैंने 2019 में एक शिकायत दर्ज कराई और पूरी जांच की मांग की. तब प्रिंसिपल द्वारा गलती स्वीकार करने और तत्कालीन शिक्षा निरीक्षक द्वारा प्रारंभिक जांच के बावजूद, ऐसे मुद्दे थे जिन्हें विभाग द्वारा नजरअंदाज कर दिया गया था. इस साल की शुरुआत में हमने एक आरटीआई दायर की, जिससे सब कुछ पुष्टि हो गई."
इदरीसी की शिकायत के बाद राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने दक्षिण क्षेत्र के शिक्षा अधिकारी को मामले की जांच कर सात दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. शिक्षा अधिकारी देवीदास महाजन ने बुधवार को उप शिक्षा निरीक्षक को मामले का निरीक्षण कर जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है.
मामले में अभिभावक की मदद कर रहे एनजीओ महाराष्ट्र राज्य विद्यार्थी, पालक, शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष नितिन दलवी ने मिड-डे को बताया, "बदरुद्दीन तैय्यबजी उर्दू हाई स्कूल नामक फर्जी अनुदान प्राप्त स्कूल चलाने के आरोप में अंजुमन-ए-इस्लाम संस्था के खिलाफ शिकायत दर्ज होने के बाद संस्था ने 2 अगस्त को अपनी वेबसाइट से स्कूल का नाम तुरंत हटा दिया. अंजुमन-ए-इस्लाम की यह त्वरित कार्रवाई आरोपों की स्वीकृति का संकेत देती है, जिससे यह पता चलता है कि स्कूल वास्तव में उचित प्राधिकरण के बिना संचालित हो रहा है. अगर प्रबंधन के दावे के अनुसार इस स्कूल को सरकारी सहायता मिल रही है, तो उनका नाम यूडीआईएसई सूची में क्यों नहीं है?"
महाजन ने मिड-डे को बताया कि आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और इनकी जांच की जानी चाहिए. महाजन ने कहा, "हमारे उप शिक्षा अधिकारी मामले की जांच करेंगे और एक सप्ताह के भीतर इस संबंध में रिपोर्ट सौंपेंगे." उन्होंने कहा कि यूडीआईएसई नंबर होना अनिवार्य है.
कॉल और टेक्स्ट मैसेज के बावजूद, अंजुमन-ए-इस्लाम के पदाधिकारी ने प्रेस टाइम तक कोई जवाब नहीं दिया.
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