Updated on: 11 June, 2025 08:33 AM IST | Mumbai
Samiullah Khan
मुंबई पुलिस ने पालघर की एक गुप्त लैब पर छापा मारकर MD ड्रग्स बनाने वाले सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है.
Pic/Arranged by Samiullah Khan
मुंबई में MIDC पुलिस ने मंगलवार को कहा कि उसने मेफेड्रोन (MD) के उत्पादन, आपूर्ति और बिक्री में शामिल एक कथित ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है और इस मामले के सिलसिले में तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है.
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पुलिस ने कहा कि उसने 22.64 लाख रुपये मूल्य की 566 ग्राम ड्रग्स भी जब्त की है और वाहनों और गैजेट्स सहित जब्त की गई कुल कीमत 36.57 लाख रुपये है.
पुलिस के अनुसार, यह अभियान 7 जून, 2025 को देर रात करीब 11:45 बजे शुरू हुआ, जब अंधेरी ईस्ट में पंप हाउस सबवे से कनोसा जंक्शन की ओर संदिग्ध रूप से तेज गति से जा रही एक लाल स्कोडा कार को गश्त कर रहे अधिकारी एपीआई महेंद्र खंगल और उनकी टीम ने रोका.
वाहन को कनोसा जंक्शन पर रोका गया और जोगेश्वरी ईस्ट के फरहान गुलजार खान (36) को हिरासत में लिया गया. पुलिस ने पाया कि उसके खिलाफ कथित तौर पर कम से कम 13 आपराधिक मामले दर्ज हैं.
एक अधिकारी ने बताया कि विस्तृत तलाशी में 2.8 लाख रुपये नकद, 8 लाख रुपये कीमत की 71 ग्राम मेफेड्रोन और 8 लाख रुपये कीमत की स्कोडा कार जब्त की गई.
मामले की आगे की जांच में पालघर निवासी एक अन्य आरोपी प्रतीक सुदर्शन जाधव (24) को गिरफ्तार किया गया. 10 जून को पुलिस ने उसे 8.6 लाख रुपये कीमत की 215 ग्राम मेफेड्रोन और 4.6 लाख रुपये कीमत की मारुति स्विफ्ट डिजायर कार के साथ गिरफ्तार किया.
अधिकारी ने बताया कि तकनीकी विश्लेषण और पूछताछ के बाद पुलिस ने पालघर में एक विनिर्माण प्रयोगशाला में दवाओं के स्रोत का पता लगाया.
उन्होंने बताया कि तीसरे आरोपी विजय राजाराम खटके (43), रसायन विज्ञान में स्नातकोत्तर (एमएससी) को महाराष्ट्र के पालघर जिले के तारापुर एमआईडीसी में एक फार्मास्युटिकल लैब में छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया गया.
अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने उसके पास से 11.2 लाख रुपये मूल्य की 280 ग्राम मेफेड्रोन जब्त की है, जो कथित तौर पर आपूर्ति के लिए तैयार थी. पुलिस ने बताया कि अब तक की जांच में 566 ग्राम मेफेड्रोन जब्त की गई है और कुल जब्ती (ड्रग्स, वाहन, मोबाइल, नकदी) 36.57 लाख रुपये की है. पुलिस ने दो वाहन और छह मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं. यह कार्रवाई डीसीपी दत्ता नलवाडे (जोन 10), वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक राजीव चव्हाण, पीआई (क्राइम) महेश गुख और एपीआई महेंद्र खंगल के निर्देशों के तहत की गई. टीम के अन्य सदस्यों में अधिकारी आनंद काशिद, महादेव जगताप और कांस्टेबल राजू इटकर, टाइगर मांडले, गौतम बड़े, विशाल पिसल, अभिजीत शहाणे, सदानंद भावसार और अन्य शामिल थे, जिन्होंने सफल कार्रवाई को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
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