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उल्हासनगर में दो पुलिसकर्मी निलंबित, व्यवसायी से अपहरण और फिरौती वसूली का आरोप

Updated on: 16 May, 2025 02:44 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

उल्हासनगर में तैनात दो पुलिस कांस्टेबलों को एक स्थानीय व्यवसायी से अपहरण और जबरन वसूली के आरोप में निलंबित कर दिया गया है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, संबंधित पुलिस अधिकारियों ने कानूनी प्रक्रिया का पालन न करके नियमों का उल्लंघन किया है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, संबंधित पुलिस अधिकारियों ने कानूनी प्रक्रिया का पालन न करके नियमों का उल्लंघन किया है.

उल्हासनगर में तैनात दो पुलिस कांस्टेबलों को स्थानीय निर्माण व्यवसायी से कथित तौर पर अपहरण और जबरन वसूली के आरोप में निलंबित कर दिया गया है.

आरोपी कांस्टेबल बालू चव्हाण और बाबासाहेब यादव ने कथित तौर पर 50,000 रुपये की फिरौती मांगी और आखिरकार पीड़ित को झूठे आपराधिक मामले में फंसाने की धमकी देकर उससे 20,000 रुपये की फिरौती वसूल ली.


51 वर्षीय राजेश ईश्वरलाल इदनानी उर्फ ​​राजू शेरा द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, यह घटना 25 अप्रैल को शाम करीब 6:30 बजे हुई. कथित तौर पर सादे कपड़ों में दो पुलिसकर्मी बिना किसी वारंट या पूर्व सूचना के इदनानी के कार्यालय में घुस गए और तीसरे पक्ष गिरधारी वाधवा से जुड़े वित्तीय विवाद को लेकर उन पर दबाव बनाने लगे.


उन्होंने कथित तौर पर उन्हें धमकी दी कि अगर उन्होंने वाधवा को 5 लाख रुपये और पुलिस को अतिरिक्त 1 लाख रुपये नहीं दिए तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी जाएगी.

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, जब इदनानी ने इनकार कर दिया, तो कांस्टेबलों ने कथित तौर पर उसके साथ मारपीट की, उसे जबरन कार में बिठाया और उसे कई स्थानों पर ले गए - जिसमें सेंट्रल पुलिस स्टेशन के पास का इलाका और बाद में कल्याण-अंबरनाथ रोड पर एक मिसल की दुकान शामिल थी - जहाँ उन्होंने पैसे की माँग की.


दबाव में आकर, इदनानी ने मौके पर ही 13,000 रुपये का भुगतान किया और अपने भतीजे से शेष 7,000 रुपये की राशि मंगवाई, जो कुल मिलाकर 20,000 रुपये थी.

शिकायत में कांस्टेबलों और वाधवा के बीच रिकॉर्ड की गई फोन पर बातचीत का भी उल्लेख है, साथ ही सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी है जो घटनाओं की पुष्टि करती है, जिसे कथित तौर पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को जाँच के लिए और बाद में आरोप पत्र दाखिल करते समय सबूत के तौर पर प्रस्तुत किया गया है.

पुलिस उपायुक्त (उल्हासनगर जोन 4) सचिन गोरे ने कार्रवाई करते हुए दोनों कांस्टेबलों को तत्काल निलंबित करने का आदेश दिया और आंतरिक जाँच शुरू की.

गोरे ने कहा, "संबंधित पुलिस अधिकारियों ने कानूनी प्रक्रिया का पालन न करके नियमों का उल्लंघन किया है. इसलिए उनके खिलाफ तत्काल निलंबन की कार्रवाई की गई है और गहन जांच चल रही है. पुलिसकर्मियों द्वारा किसी भी तरह का दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा."

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