Updated on: 29 May, 2025 06:46 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
महाराष्ट्र के आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा कि राज्य में पिछले 24 घंटों में बारिश और अन्य मौसम संबंधी संकटों का सामना करना पड़ा.
महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश और अन्य मौसम संबंधी संकटों का सामना करना पड़ा. फोटो/आशीष राजे
अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि 24 मई से महाराष्ट्र के कई हिस्सों में बारिश के कारण कम से कम सोलह लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. महाराष्ट्र के आपदा प्रबंधन विभाग ने अपने आंकड़ों में कहा कि राज्य में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश और अन्य मौसम संबंधी संकटों का सामना करना पड़ा. 29 मई तक, महाराष्ट्र के कई जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई, जिसमें मुंबई उपनगरीय क्षेत्र में 35.2 मिमी, मुंबई शहर में 29.8 मिमी, ठाणे में 29.5 मिमी, नासिक में 26.3 मिमी और रायगढ़ में 21.9 मिमी बारिश दर्ज की गई. आंकड़ों के अनुसार, राज्य में पेड़ गिरने, संरचनाओं के ढहने और बिजली गिरने सहित विभिन्न बारिश से संबंधित घटनाओं के कारण 16 मौतें और 18 घायल हुए.
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मुंबई शहर में दो मौतें और उपनगरों में पेड़ गिरने से दो गंभीर रूप से घायल हुए, जबकि निकटवर्ती पालघर जिले में बिजली गिरने से एक व्यक्ति की मौत हुई. मुंबई के कालाचौकी इलाके में भी औद्योगिक खतरा टल गया, जहां भारत आइस कंपनी से अमोनिया गैस का रिसाव बीएमसी और दमकल की टीमों ने सफलतापूर्वक रोक लिया. हालांकि भारी बारिश दर्ज की गई, लेकिन जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति नहीं देखी गई.
इस बीच, पुणे जिले में बारिश के कारण आग लगने की घटना की सूचना मिली, जिसमें कम से कम चार लोग घायल हो गए. जालना जिले में पशुओं की मौत दर्ज की गई, जहां 18 मुर्गियां, तीन बकरियां और अन्य पशुधन मर गए. राज्य भर में करीब 60 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा, हालांकि इन घटनाओं में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.
राज्य में अभी तक कोई सक्रिय राहत शिविर नहीं है. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल ने मुंबई, पालघर, ठाणे, पुणे और अन्य महत्वपूर्ण जिलों में 18 टीमों को किसी भी संभावित मानसून आपात स्थिति के लिए सतर्क कर दिया है. इसके अलावा छह राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की टीमों को रणनीतिक रूप से तैनात किया गया है. मौसम विभाग के अनुसार, ठाणे, मुंबई, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों में गरज के साथ बारिश होने की संभावना है, जिसके बाद बिजली चमकेगी और अलग-अलग क्षेत्रों में 50 किमी/घंटा की रफ़्तार से तेज़ हवाएँ चलेंगी. मौसम विभाग ने उन क्षेत्रों के लिए सलाह जारी की है, जहाँ भारी बारिश की संभावना है, जैसे सतारा और कोल्हापुर के घाट क्षेत्र. निवासियों को सलाह दी जाती है कि वे तूफान के दौरान घर के अंदर रहें, पेड़ों के नीचे शरण लेने से बचें और बिजली के उपकरणों को सुरक्षित रखें. किसानों से परिपक्व फसलों की कटाई करने और उपज और पशुधन की सुरक्षा के लिए कदम उठाने का आग्रह किया गया है.
इसके अलावा सरकार मौसम के अपडेट की बारीकी से निगरानी करती रहेगी और जिला आपदा प्रबंधन इकाइयों के साथ संचार बनाए रखेगी. NDRF और SDRF की विशेष इकाइयाँ भी अलर्ट पर हैं. हालाँकि राज्य को किसी भी महत्वपूर्ण मानसून संकट का सामना नहीं करना पड़ रहा है, लेकिन मौजूदा मानसून के मौसम के लिए तैयार रहना और रणनीतिक रूप से प्रतिक्रिया करना महत्वपूर्ण है.
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