Updated on: 11 October, 2025 04:03 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
जिससे हड़कंप मच गया. मामला गर्भवती होने के बाद सामने आया.
प्रतीकात्मक छवि
एक 20 वर्षीय दिव्यांग लड़की के साथ मुंबई में बलात्कार की भयावह घटना सामने आई है. मानसिक रूप से अस्थिर इस लड़की, जो न बोल सकती थी और न ही सुन सकती थी, के साथ एक-दो नहीं, बल्कि अलग-अलग दिनों में 17 से ज़्यादा लोगों ने बलात्कार किया, जिससे हड़कंप मच गया. पूरा मामला लड़की के गर्भवती होने के बाद सामने आया.
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फिलहाल, इस मामले में पीड़ित लड़की द्वारा बताए गए 17 से ज़्यादा संदिग्धों के रक्त के नमूने लिए जा चुके हैं और भ्रूण को डीएनए परीक्षण के लिए भेज दिया गया है. प्राथमिकी (एफआईआर) के अनुसार, मामला 22 सितंबर को दर्ज किया गया था, जिसमें अब तक एक 17 वर्षीय नाबालिग लड़के को हिरासत में लिया गया है और एक 34 वर्षीय विवाहित व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है.
कफ परेड पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, पीड़ित लड़की ने अपनी दादी से शिकायत की थी कि उसे पेट में कीड़े जैसे लग रहे हैं. इसके बाद उसे कामा अस्पताल में भर्ती कराया गया. उस समय पता चला कि लड़की पाँच महीने की गर्भवती है. इसके बाद कामा अस्पताल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. विधायक भारती नामक एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) के परामर्शदाताओं ने पीड़िता, जो बोलने या सुनने में असमर्थ थी, के साथ बातचीत करने और उसका बयान दर्ज करने के लिए चित्रकारी और फिंगर डॉल थेरेपी का उपयोग किया.
मुंबई के किसी भी धार्मिक स्थल पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. प्रशासन ने लाउडस्पीकर पर अज़ान देने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. इस मामले में अब शहर में कार्रवाई की जा रही है. एक पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि मुंबई पुलिस ने मुंबई के पश्चिमी उपनगर स्थित एक मस्जिद में लाउडस्पीकर से अज़ान बजाए जाने के बाद दो लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.
अधिकारी ने बताया कि एक पुलिस कांस्टेबल की शिकायत के आधार पर मस्जिद के ट्रस्टी शाहनवाज़ खान और माहिम के वानजेवाड़ी इलाके की एक मस्जिद में अज़ान के लिए अज़ान देने वाले मुअज़्ज़िन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा कि कांस्टेबल को लाउडस्पीकर पर अज़ान दिए जाने का एक वीडियो मिला था और पूछताछ करने पर उसे मुअज़्ज़िन से संतोषजनक जवाब नहीं मिला. इस साल जनवरी में, बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस को ध्वनि प्रदूषण के मानदंडों और नियमों का उल्लंघन करने वाले लाउडस्पीकरों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किसी भी धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं माना जाता. उन्होंने बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 223 (लोक सेवक के आदेश की अवज्ञा) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है.
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