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लीलावती अस्पताल में मिले हड्डियों और मानव बालों से भरे 8 कलश, ट्रस्टियों ने लगाया आरोप

Updated on: 11 March, 2025 09:56 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

लीलावती हॉस्पिटल ट्रस्ट के कार्यकारी निदेशक परमबीर सिंह ने आरोप लगाया है कि पूर्व ट्रस्टियों ने अस्पताल परिसर में वर्तमान ट्रस्टी बोर्ड के खिलाफ काला जादू किया था.

प्रतीकात्मक छवि

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मुंबई के सबसे मशहूर अस्पतालों में से एक लीलावती अस्पताल जहां ज्यादातर सेलिब्रिटीज भर्ती होते हैं वहां से एक बड़ी और बेहद चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. बांद्रा के इस मशहूर अस्पताल के प्रशासन पर उसके परिसर में काला जादू करने का आरोप लगा है. लीलावती हॉस्पिटल ट्रस्ट के कार्यकारी निदेशक परमबीर सिंह ने आरोप लगाया है कि पूर्व ट्रस्टियों ने अस्पताल परिसर में वर्तमान ट्रस्टी बोर्ड के खिलाफ काला जादू किया था. कहा जाता है कि हड्डियों और मानव बालों से भरे आठ कलश उस कार्यालय के फर्श के नीचे दबे हुए पाए गए जहां लीलावती अस्पताल के वर्तमान ट्रस्टी हर दिन बैठते हैं.

ट्रस्टियों ने बांद्रा पुलिस स्टेशन पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई है. इसके बाद अस्पताल प्रबंधन इस मामले को बांद्रा कोर्ट में ले गया, जिसने काले जादू के आरोपों की जांच के आदेश दिए. तो देखना होगा कि इस मामले में क्या सामने आता है और क्या वाकई अस्पताल परिसर में काले जादू की कोशिश की गई है या नहीं.


काला जादू विवाद के साथ-साथ पूर्व ट्रस्टियों पर करोड़ों रुपये के घोटाले का भी आरोप है. मुंबई के प्रसिद्ध लीलावती अस्पताल को चलाने वाले एक धर्मार्थ ट्रस्ट ने मंगलवार को आरोप लगाया कि उसके पूर्व ट्रस्टियों और अन्य संबंधित व्यक्तियों द्वारा 1,500 करोड़ रुपये से अधिक के धन का दुरुपयोग किया गया है. शिकायतों में आरोप लगाया गया कि लीलावती अस्पताल के वित्तीय रिकॉर्ड के फोरेंसिक ऑडिट के दौरान उजागर हुई हेराफेरी ने ट्रस्ट के प्रबंधन और बांद्रा क्षेत्र में स्थित प्रमुख निजी चिकित्सा सुविधा द्वारा प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित किया.


मेहता ने कहा, "हम लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट की अखंडता को बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए धन का उपयोग केवल उन रोगियों के लाभ के लिए किया जाता है जो हर दिन हम पर भरोसा करते हैं. फोरेंसिक ऑडिट के दौरान सामने आया घोर कदाचार और वित्तीय कदाचार न केवल कथित और धोखाधड़ी करने वाले पूर्व ट्रस्टियों पर रखे गए विश्वास के साथ विश्वासघात है, बल्कि हमारे अस्पताल के मिशन के लिए सीधा खतरा है".

उन्होंने कहा कि एलकेएमएमटी यह सुनिश्चित करेगा कि इन अवैध गतिविधियों में शामिल सभी लोगों को जवाबदेह ठहराया जाए. "हम प्रवर्तन निदेशालय से पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के प्रावधानों के तहत इन वित्तीय अपराधों की जांच में त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं." लंबी कानूनी लड़ाई के बाद ट्रस्ट का नियंत्रण लेने के बाद, वर्तमान ट्रस्टियों ने अपने पूर्ववर्तियों द्वारा अस्पताल प्रबंधन निकाय के कामकाज में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की पहचान की और फोरेंसिक ऑडिट कराने का फैसला किया. चेतन दलाल इन्वेस्टिगेशन एंड मैनेजमेंट सर्विसेज (सीडीआईएमएस), और एडीबी एंड एसोसिएट्स को फोरेंसिक ऑडिटर के रूप में नियुक्त किया गया था.


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