Updated on: 29 January, 2025 04:14 PM IST | Mumbai
डॉक्टरों को इस बात का पता तब चला जब पिछले 35 महीने से गर्भवती एक महिला ने यहां अस्पताल में सोनोग्राफी कराई.
एक गर्भवती महिला की प्रतीकात्मक छवि
मां के पेट में एक बच्चा होता है और उसके गर्भ में एक बच्चा होता है.... क्या आप भी यह जानकर हैरान हैं? लेकिन, हां ऐसा होता है. और हाल ही में महाराष्ट्र के बुलढाणा में एक ऐसा ही अजीब मामला हुआ है. डॉक्टरों को इस बात का पता तब चला जब पिछले 35 महीने से गर्भवती एक महिला ने यहां अस्पताल में सोनोग्राफी कराई.
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महिला पिछले कुछ महीनों से गर्भवती थी. पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि अस्पताल में सोनोग्राफी के दौरान डॉक्टरों को महिला की हालत के बारे में पता चला. अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ ने यह जानकारी दी. इस मामले में उनका कहना है कि दुनिया में अब तक ऐसे 200 मामले सामने आ चुके हैं. डिलीवरी के बाद भी ऐसे मामले देखे गए हैं. भारत में भी इसके 10-15 मामले सामने आए हैं. एक महिला जिसके गर्भ में एक और भ्रूण है, वह इस समय प्रसव के लिए यात्रा कर रही है. इस महिला की उम्र 32 साल है और वह दो बच्चों की मां है.
बच्चे और मां की हालत के बारे में क्या कहते हैं डॉक्टर
इस मामले में डॉक्टर अग्रवाल का कहना है, ``पिछली सोनोग्राफी में यह मामला छूट गया था. यह कल्पना करना कठिन है कि यह एक अत्यंत दुर्लभ स्थिति है. मैंने कुछ अन्य डॉक्टरों से इस स्थिति का विस्तार से अध्ययन किया है और इसकी पुष्टि की है." बुलढाणा अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. भागवत भुसारी कहते हैं, ``मां की नॉर्मल डिलीवरी होने की संभावना है. हालाँकि, जन्म के बाद बच्चे को तत्काल चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता हो सकती है."
गर्भ में शिशु का विकास दिखाई देने लगता है. वैज्ञानिक भाषा में इसे `फिट्स इन फिटू` कहा जाता है. ऐसा बहुत ही दुर्लभ मामलों में होता है. जब ऐसा बच्चा पैदा होता है तो उसे जन्म के बाद कई तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है. इस तरह का एक मामला महाराष्ट्र के बुलढाणा में सामने आया है और इसने बहस छेड़ दी है.
हालाँकि, अभी तक इसका कोई स्पष्ट कारण समझ में नहीं आया है कि यह विशेष स्थिति क्यों उत्पन्न होती है. लेकिन, ऐसा कहा जाता है कि जब भ्रूण में समान जोड़ विकसित हो रहे होते हैं, तो उसके विकास के दौरान विसंगति के कारण इस प्रकार की विषमता उत्पन्न होती है. फिलहाल इस मामले में महिला को आगे की प्रक्रिया के लिए छत्रपति संभाजीनगर के एक मेडिकल सेंटर भेजा गया है, ताकि डिलीवरी सुरक्षित तरीके से हो और बच्चे को कोई नुकसान न हो.
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