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‘मिशन बीएमसी’ को लेकर आदित्य ठाकरे मैदान में, 9 जून को मुलुंड से करेंगे शंखनाद

Updated on: 06 June, 2025 09:05 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

शिवसेना (यूबीटी) आगामी बीएमसी चुनावों की रणनीति तय करने के लिए 9 जून को मुलुंड में महाकवि कालिदास नाट्यमंदिर में अहम बैठक आयोजित कर रही है. यह बैठक आदित्य ठाकरे की अगुवाई में होगी, जो पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे.

X/Pics, Aaditya Thackeray

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की हाइलाइट्स

  1. 9 जून को मुलुंड में शिवसेना (यूबीटी) की अहम बैठक, आदित्य ठाकरे करेंगे संबोधित
  2. बीएमसी चुनाव को लेकर पार्टी की रणनीति और एकजुटता पर होगा फोकस
  3. भाजपा-शिंदे गुट की चुनौती के बीच यूबीटी खेमा दिखाएगा ताकत

मुंबई में बीएमसी चुनावों की हलचल अब तेज़ हो चुकी है और सबसे बड़ी सियासी लड़ाई की पटकथा 9 जून को मुलुंड से लिखी जाएगी, जहां शिवसेना (यूबीटी) अपनी पहली बड़ी रणनीतिक बैठक करने जा रही है. महाकवि कालिदास नाट्यमंदिर में होने वाली इस बैठक को पार्टी के युवा नेता आदित्य ठाकरे संबोधित करेंगे. यह वही बीएमसी है, जिस पर दशकों से शिवसेना का वर्चस्व रहा है, लेकिन अब पार्टी खुद एक गहरे विभाजन से जूझ रही है और भाजपा-शिंदे गुट के हमले झेल रही है.

बीएमसी चुनाव 2022 में होने थे, लेकिन ओबीसी आरक्षण के मसले पर कोर्ट की कार्रवाई की वजह से तीन साल तक टलते रहे. अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है, ऐसे में यूबीटी खेमा इसे ‘करो या मरो’ की जंग मान रहा है.


पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “यह चुनाव शिवसेना (यूबीटी) के लिए लिटमस टेस्ट है. पार्टी को एकजुट रखने और ज़मीन से जुड़े कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भरने के लिए ये बैठक अहम है.”
यह पहली बार है जब विभाजन के बाद शिवसेना को बीएमसी में खुद को साबित करना होगा, जहां उसके 84 में से 43 पार्षद शिंदे गुट में जा चुके हैं.


बैठक में आदित्य ठाकरे के साथ यूबीटी के अन्य नेता भी उपस्थित रहेंगे, जो पार्टी की रणनीति, मुद्दों और भविष्य की कार्ययोजना को रेखांकित करेंगे. सूत्रों के अनुसार, इस तरह की कई और बैठकें मुंबई के अन्य हिस्सों में भी होने वाली हैं ताकि यूबीटी खेमा मैदान में पूरी ताकत से उतर सके.

भाजपा पहले ही ‘मिशन 150’ का ऐलान कर चुकी है और शिंदे गुट की मदद से बीएमसी में मेयर की कुर्सी पर काबिज़ होने की योजना बना चुकी है. लेकिन ठाकरे गुट अपनी खोई साख और जनाधार बचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता.


9 जून को मुलुंड में होने वाली यूबीटी की यह बैठक न केवल कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाएगी, बल्कि शिवसेना की उस पुरानी गर्जना की याद भी दिलाएगी जो मुंबई की गलियों में दशकों तक गूंजती रही है.

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