होम > मुंबई > मुंबई न्यूज़ > आर्टिकल > आदित्य ठाकरे की धारावी पुनर्विकास पर तीखी प्रतिक्रिया, कहा- अडानी समूह का विकास हो रहा है, धारावी के लोगों का नहीं

आदित्य ठाकरे की धारावी पुनर्विकास पर तीखी प्रतिक्रिया, कहा- अडानी समूह का विकास हो रहा है, धारावी के लोगों का नहीं

Updated on: 26 June, 2025 02:51 PM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar | ujwala.dharpawar@mid-day.com

आदित्य ठाकरे ने धारावी पुनर्विकास परियोजना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस योजना में 505 झुग्गीवासियों में से केवल 101 को ही पात्र घोषित किया गया है, जबकि बाकी को अपात्र करार दिया गया है.

X/Pics, Aaditya Thackeray

X/Pics, Aaditya Thackeray

धारावी पुनर्विकास परियोजना, जो मुंबई के सबसे बड़े झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्र को बदलने की योजना के तहत चल रही है, पर राजनीतिक और सामाजिक विवाद तेज हो गए हैं. शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे ने हाल ही में धारावी पुनर्विकास के संबंध में उठाए गए सवालों को लेकर भाजपा और अडानी समूह पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने ट्विटर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि धारावी पुनर्विकास की पहली सूची में 505 झुग्गीवासियों में से केवल 101 को ही पात्र घोषित किया गया है, जिससे यह सवाल उठता है कि आखिरकार किसका विकास हो रहा है – धारावी के निवासियों का या अडानी समूह के अपने लोगों का?

 



 


आदित्य ठाकरे का यह बयान तब आया जब धारावी पुनर्विकास की पहली सूची जारी की गई, जिसमें अधिकांश झुग्गीवासियों को अपात्र घोषित कर दिया गया. ठाकरे ने यह आरोप लगाया कि भाजपा सरकार इस पुनर्विकास योजना के तहत केवल कुछ विशेष लोगों का ही विकास कर रही है, जबकि अधिकांश मूल निवासी, जिनकी जिंदगी इस क्षेत्र में बसी हुई है, को अनदेखा किया जा रहा है. ठाकरे ने यह भी तंज कसा कि शायद भाजपा मुंबई का नाम बदलकर `अडानी नगर` करने की योजना बना रही है, जहां केवल बड़े कॉर्पोरेट्स और उनके रिश्तेदारों का ही विकास होगा.

धारावी पुनर्विकास परियोजना का उद्देश्य इस क्षेत्र को एक समृद्ध और आधुनिक इलाके में बदलना है, लेकिन ठाकरे और अन्य विपक्षी नेताओं का आरोप है कि यह परियोजना केवल बड़े व्यापारिक समूहों के हितों को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है, खासकर अडानी समूह के. अडानी समूह का नाम विशेष रूप से बार-बार इस परियोजना में लिया जा रहा है, और इस समूह द्वारा इस परियोजना के हिस्से के रूप में विभिन्न ठेके लेने की खबरें भी सामने आई हैं.

यह मामला केवल राजनीतिक आरोपों और बहसों तक सीमित नहीं है, बल्कि धारावी के लोगों की जिंदगी से भी जुड़ा हुआ है. धारावी, जो कि मुंबई का एक प्रमुख झुग्गी क्षेत्र है, वहां के लोग दशकों से गरीबी और अपार संसाधन संकट से जूझ रहे हैं. ऐसे में, जब पुनर्विकास की बात आती है, तो इन लोगों को उनके अधिकार मिलना चाहिए. लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि केवल एक छोटे से हिस्से को ही इस परियोजना का लाभ मिल रहा है.

आदित्य ठाकरे का यह सवाल उठाना कि अडानी समूह का विकास हो रहा है या धारावी के लोगों का, एक बड़ा मुद्दा बन गया है. उनके बयान ने यह साबित कर दिया कि इस परियोजना के लिए पारदर्शिता की कमी है और इस मामले में जनता की चिंता और अधिकारों की अनदेखी की जा रही है. मुंबई जैसे महानगर में, जहां विकास की प्रक्रिया तेजी से चल रही है, वहां लोगों को शामिल किया जाना चाहिए और उनकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनानी चाहिए.

अन्य आर्टिकल

फोटो गेलरी

रिलेटेड वीडियो

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK