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भारत-पाक तनाव के बीच सिद्धिविनायक मंदिर में सुरक्षा के चलते लिया बड़ा फैसला

Updated on: 09 May, 2025 08:41 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं द्वारा माला और नारियल चढ़ाने पर आगामी रविवार से अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है.

X/Pics, Siddhivinayak temple

X/Pics, Siddhivinayak temple

भारत और पाकिस्तान के बीच जारी बढ़ते तनाव को देखते हुए देशभर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. इसी कड़ी में मुंबई स्थित विश्वप्रसिद्ध श्री सिद्धिविनायक मंदिर ने एक एहतियाती कदम उठाते हुए श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. मंदिर प्रशासन ने आगामी रविवार से श्रद्धालुओं द्वारा माला और नारियल चढ़ाने पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है.

यह निर्णय मौजूदा सुरक्षा स्थिति को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि मंदिर में आने वाले हजारों श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. मुंबई जैसे महानगर में इस समय उच्च स्तरीय सतर्कता बरती जा रही है और धार्मिक स्थलों को संभावित संवेदनशील स्थानों के रूप में देखा जा रहा है. ऐसे में यह कदम पूरी तरह से एक सावधानीपूर्वक उठाया गया फैसला है.


मंदिर प्रशासन ने बताया कि वर्तमान में देश के माहौल को देखते हुए यह निर्णय आवश्यक हो गया था. सिद्धिविनायक मंदिर हर दिन हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र रहता है, और किसी भी तरह की सुरक्षा में चूक भारी नुकसान का कारण बन सकती है. इसलिए, जब तक हालात सामान्य नहीं होते, श्रद्धालु केवल दर्शन कर सकेंगे, लेकिन उन्हें माला, नारियल या कोई अन्य पूजा सामग्री अर्पित करने की अनुमति नहीं होगी.


मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं से इस निर्णय में सहयोग करने की अपील की है और कहा है कि यह प्रतिबंध स्थायी नहीं है. स्थिति की समीक्षा समय-समय पर की जाएगी और हालात सामान्य होते ही पूजा अर्पण से जुड़ी पुरानी व्यवस्था बहाल कर दी जाएगी.

मंदिर की ओर से जल्द ही इस संबंध में एक आधिकारिक अधिसूचना जारी की जाएगी, जिसमें नए दिशानिर्देश और प्रतिबंध की अवधि को लेकर स्पष्टता दी जाएगी. श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे अफवाहों से दूर रहें और मंदिर प्रशासन द्वारा जारी सूचना का पालन करें.


यह कदम देश में धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा को प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है.

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