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अंबरनाथ: महाभारत काल के इस मंदिर में नहीं होगा शिवलिंग पर अभिषेक, मंदिर प्रसाशन ने उठाए ये बड़े कदम

Updated on: 03 February, 2024 09:15 AM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

अंबरनाथ इलाके में महाभारत काल का शिव मंदिर है जिसकी मान्यता पूरे मुंबई में है. इस मंदिर में एक हजार साल  पहले से प्राचीन इतिहास के प्रमाण मौजूद है.

अम्बरनाथ मंदिर. तस्वीर/महाराष्ट्र पर्यटन /ट्विटर

अम्बरनाथ मंदिर. तस्वीर/महाराष्ट्र पर्यटन /ट्विटर

मुंबई: अंबरनाथ इलाके में महाभारत काल का शिव मंदिर है जिसकी मान्यता पूरे मुंबई में है. इस मंदिर में एक हजार साल  पहले से प्राचीन इतिहास के प्रमाण मौजूद है. इस मंदिर के आकर्षण का केंद्र मंदिर के पत्थर और मंदिर की बारीक नक्काशी है.

शिव मंदिर के दर्शन करने काफी दूर दूर से लोग आते हैं. यहां सोमवार और श्रावण मास के दिनों में लोगों की भीड़ काफी बढ़ जाती है. ऐसे में मंदिर प्रसाशन ने भक्तों को लिए कुछ प्रतिबंध लागू कर दिए हैं. इसका पालन सभी भक्तों और मंदिर प्रसाशन को करना होगा. 21वीं सदी के इस शिव मंदिर के ढहने का खतरा बढ़ गया है. परातत्व विभाग का ध्यान इस ओर वरिष्ठ प्राच्यविद्या डॉ. कुमुद कानेटकर ने दिलाया.


नारियल फोड़ते हैं शिव भक्त


वैसे  तो सभी मंदिरों में मान्यता पूरी होने या अपनी-अपनी आस्था से भक्त श्रीफल या नारियल फोड़ते हैं लेकिन इसका नुकसान अब मंदिर की मूर्तियों को हो रहा है. नारियल फोड़ने के कारण यहां की मूर्तियों को नुकसान भी पहुंच रहा है और वह खराब हो रही हैं.

वरिष्ठ प्राच्यविद्या डॉ. कुमुद कानेटकर ने मंदिर की मूर्तियों को होने वाले नुकसान की शिकायत की. इसके बाद मंदिर प्रसाशन भी हरकत में आया और यहां कुछ प्रतिबंध लगा दिए गए हैं.


मंदिर में भक्तों को बरतनी होंगी ये सावधानियां

  • मंदिर परिसर में साउंड सिस्टम नहीं लगेगा.
  • मूर्तियों और शिवलिंग पर दुग्धाभिषेक में भी कमी लाई जाएगी.
  • कहीं भी नारियल फोड़ने पर रोक है. इसके लिए एक जगह निर्धारित की जाएगी.
  • मंदिर के अंदर हवन करने के लिए भी रोक लगा दी गई है.

इस मंदिर की मान्यताएं यहां होने वाले चमत्कार के कारण बढ़ती जा रही हैं. कहा जाता है पांडवों ने एक ही रात में इस मंदिर का निर्माण किया था. इसके साथ ही माना जाता है कि मंदिर का निर्माण 1060 ई. में राजा मांबाणि ने करवाया था. मंदिर के प्रवेश द्वार पर ही दो नंदी बैल बने हुए हैं.इस मंदिर के शिवलिंग पर एक नारी भी बनी हुई है जो शिव पार्वती के स्वरूप को दर्शाती है.

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