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ब्लू बटन की दस्तक से समुद्रतट पर आई रौनक, मानसून के आगमन का मिला इशारा

Updated on: 07 May, 2025 02:54 PM IST | Mumbai
Ranjeet Jadhav | ranjeet.jadhav@mid-day.com

मुंबई के जुहू बीच पर हाल ही में बड़ी संख्या में ब्लू बटन (पोरपिटा पोरपिटा) दिखाई दिए हैं. ये चमकीले नीले समुद्री जीव हर साल मानसून से पहले तटों पर नजर आते हैं और मौसम में बदलाव का संकेत माने जाते हैं.

इस प्रजाति की उपस्थिति मुंबई के समुद्र तटों पर पाई जाने वाली समृद्ध जैव विविधता को उजागर करती है.

इस प्रजाति की उपस्थिति मुंबई के समुद्र तटों पर पाई जाने वाली समृद्ध जैव विविधता को उजागर करती है.

मुंबई के जुहू बीच पर आने वाले पर्यटक, खास तौर पर समुद्री उत्साही, हाल ही में बड़ी संख्या में ब्लू बटन (पोरपिटा पोरपिटा) को देखकर खुश हुए हैं - यह समुद्र तट पर बड़ी संख्या में दिखने वाली एक बेहद खूबसूरत समुद्री प्रजाति है. विशेषज्ञों ने मिड-डे को बताया कि इस समुद्री जानवर को मुंबई के समुद्र तट पर हर साल देखा जाता है, आमतौर पर मानसून से कुछ हफ़्ते पहले.

इस प्रजाति की मौजूदगी मुंबई के समुद्र तटों पर पाई जाने वाली समृद्ध जैव विविधता को दर्शाती है. समुद्री विशेषज्ञ और संरक्षणवादी अब ऐसी मौसमी घटनाओं और उनके व्यापक पारिस्थितिक महत्व के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने का आह्वान कर रहे हैं.


आमतौर पर ब्लू बटन के रूप में जाने जाने वाले पोरपिटा पोरपिटा प्रशांत, अटलांटिक और हिंद महासागरों के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जल में पाए जाने वाले छोटे समुद्री जानवर हैं. मुंबई में, वे मानसून की शुरुआत से ठीक पहले शहर के तटों पर आते हैं. पारंपरिक मछली पकड़ने वाले समुदायों ने उन्हें आने वाले बरसात के मौसम के प्राकृतिक संकेतक के रूप में भी माना है.


समुद्री पारिस्थितिकीविद और तटीय संरक्षण फाउंडेशन के निदेशक शौनक मोदी ने बताया: "जैसे ही मानसून से पहले तेज़ हवाएँ चलने लगती हैं, वे खुले समुद्र में तैर रही बहुत सी चीज़ों को किनारे पर ले आती हैं. मुंबई में, मार्च और मई के बीच चलने वाली पहली तेज़ हवाएँ लाखों ब्लू बटन (पोर्पिटा पोर्पिटा) को किनारे पर ले आती हैं, जिन्हें हमारे समुद्र तटों और चट्टानी तटों पर बहते हुए देखा जा सकता है. ये छोटे पेलाजिक जानवर हैं; जिसका मतलब है कि वे खुले पानी में रहते हैं. लेकिन दूसरे जानवरों के विपरीत, उनका अपनी हरकतों पर बहुत कम या बिल्कुल भी नियंत्रण नहीं होता और वे अपना जीवन पानी की सतह पर तैरते हुए बिताते हैं. जैसे ही हवाएँ बदलती हैं, वे सभी ज़मीन की ओर चले जाते हैं और हर दिन हज़ारों की संख्या में हमारे तटों पर देखे जा सकते हैं. ये जानवर जेलीफ़िश से काफ़ी मिलते-जुलते हैं, लेकिन उनके विपरीत, वे डंक नहीं मारते और मनुष्यों को कोई नुकसान नहीं पहुँचाते." वन्यजीव फ़ोटोग्राफ़र और समुद्री जीवन के शौकीन करण सोलंकी ने भी हाल ही में इस मौसमी घटना को कैद करने की उम्मीद में जुहू बीच का दौरा किया. "हाल ही में, मैंने मुंबई के जुहू बीच का दौरा किया और मानसून में आने वाले एक बहुत ही खास मेहमान- पोर्पिटा पोर्पिटा की तस्वीर ली, जिसे ब्लू बटन के नाम से भी जाना जाता है. यह खूबसूरत जीव हर साल मुंबई के तटों पर (हवाओं और समुद्री धाराओं की मदद से) दिखाई देता है और इसे भारत में मानसून के मौसम के आगमन का प्रतीक माना जाता है. इस समय के दौरान मुंबई के जुहू और गिरगांव चौपाटी जैसे समुद्र तटों पर समुद्री जीवन के शौकीनों द्वारा इसे अक्सर देखा या देखा जाता है."


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