ब्रेकिंग न्यूज़
होम > मुंबई > मुंबई न्यूज़ > आर्टिकल > `बीएमसी धन जुटाने के लिए जमीन की नीलामी कर रही`- आदित्य ठाकरे ने शिंदे सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

`बीएमसी धन जुटाने के लिए जमीन की नीलामी कर रही`- आदित्य ठाकरे ने शिंदे सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

Updated on: 18 October, 2024 09:36 AM IST | Mumbai

शिवसेना यूबीटी नेता आदित्य ठाकरे ने आरोप लगाया है कि बीएमसी वित्तीय संकट से जूझ रही है और इसी कारण प्रमुख जमीनों को लीज पर देने की योजना बना रही है.

X/Pics, Aaditya Thackeray

X/Pics, Aaditya Thackeray

की हाइलाइट्स

  1. आदित्य ठाकरे का आरोप: बीएमसी वित्तीय संकट में जमीनों की नीलामी कर रही है
  2. शिंदे सरकार पर मुंबई की संपत्तियों को बेचने का आरोप
  3. बीएमसी का दावा: राजस्व बढ़ाने के लिए जमीनों को लीज पर देने की योजना

शिवसेना यूबीटी के नेता आदित्य ठाकरे ने बीएमसी (बृहन्मुंबई नगर निगम) पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि बीएमसी वित्तीय संकट का सामना कर रही है. इस वजह से, नगर निगम अपने प्रमुख स्थानों की जमीनों को पट्टे (लीज) पर दे रहा है. गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आदित्य ठाकरे ने आरोप लगाया कि बीएमसी धन जुटाने के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज मंडई (बाजार), मालाबार हिल में बेस्ट इलेक्ट्रिक रिसीविंग स्टेशन और वर्ली डामर प्लांट की नीलामी करने की योजना बना रही है.

उन्होंने शिंदे सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह शासन अपने पसंदीदा बिल्डरों और ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए मुंबई की संपत्तियों की बिक्री शुरू कर चुका है. आदित्य ने यह भी कहा कि भविष्य में शिंदे और भाजपा हुतात्मा स्मारक की नीलामी करने और उससे भी आर्थिक लाभ उठाने का प्रयास कर सकते हैं.


एक सोशल मीडिया पोस्ट में आदित्य ठाकरे ने लिखा, "बीएमसी और मुंबई को लूटने के बाद, अब प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण जमीनों की नीलामी की जा रही है, जिससे बीएमसी फंड और प्लॉट दोनों से वंचित हो जाएगी." उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज मंडई के बारे में कहा कि शिंदे-भाजपा सरकार कोली और मछुआरों को मुंबई से बाहर निकालना चाहती है, और उन्होंने इसका कड़ा विरोध करने का ऐलान किया. बाकी दो भूखंडों के लिए, उन्होंने सुझाव दिया कि उनकी सरकार इन्हें पुलिस आवास और सरकारी क्वार्टर के लिए इस्तेमाल करने पर विचार करेगी. उन्होंने मुंबई के लोगों से एकजुट होकर इस सरकार के खिलाफ खड़े होने की अपील की.



दूसरी ओर, बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि बीएमसी काफी समय से आय के स्रोतों के लिए संघर्ष कर रही है. बीएमसी की सावधि जमा राशि दो वर्षों में 92,000 करोड़ रुपये से घटकर 82,000 करोड़ रुपये रह गई है. इसी कारण बीएमसी अब अपनी जमीनों को लीज पर देकर राजस्व बढ़ाने की योजना बना रही है. अधिकारी ने यह भी कहा कि इन भूखंडों पर पुनर्निर्माण के बाद इन्हें व्यावसायिक या आवासीय उपयोग के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाएगी.

अन्य आर्टिकल

फोटो गेलरी

रिलेटेड वीडियो

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK