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मुंबईकरों की जेब पर बोझ, बढ़ा किराया, पर ड्राइवरों की मनमानी जारी

Updated on: 28 January, 2025 09:04 AM IST | Mumbai
Hemal Ashar | hemal@mid-day.com

Auto-cab fares increased: मुंबई में 1 फरवरी से ऑटो और काली-पीली टैक्सियों के किराए में बढ़ोतरी लागू हो गई है. ऑटो का न्यूनतम किराया 23 रुपये से बढ़कर 26 रुपये और टैक्सी का 28 रुपये से 31 रुपये हो गया है.

Representational Image

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1 फरवरी से मुंबई में ऑटो और काली-पीली टैक्सियों के किराए में बढ़ोतरी लागू हो गई है. ऑटोरिक्शा का न्यूनतम किराया 23 रुपये से बढ़कर 26 रुपये और टैक्सियों का 28 रुपये से बढ़कर 31 रुपये हो गया है. इसके अलावा, प्रति किलोमीटर किराए में भी वृद्धि हुई है, जिससे यात्रियों की जेब पर असर पड़ रहा है. हालांकि, यह बदलाव कुछ लोगों के लिए आवश्यक था, लेकिन यात्रियों के लिए नई समस्याओं का कारण बन गया है.

कोलाबा की निवासी सिंथिया डी’मेलो, जो रोजाना काली-पीली टैक्सी से यात्रा करती हैं, ने कहा कि 31 रुपये का शुरुआती किराया खुल्ले पैसे की समस्या पैदा करेगा. उन्होंने बताया कि यात्री और ड्राइवरों के बीच अक्सर 1-2 रुपये के लिए बहस होती है. वहीं, अंधेरी के मीडिया पेशेवर आनंद शिराली ने सुझाव दिया कि यह बढ़ोतरी धीरे-धीरे होनी चाहिए थी, ताकि यात्रियों पर अचानक से आर्थिक बोझ न बढ़े.


मालाड के एचआर प्रोफेशनल रूपक धकाते ने बताया कि इलेक्ट्रिक ऑटोरिक्शा भी समान किराया ले रहे हैं, जबकि उन्हें अलग दरों पर चार्ज करना चाहिए. उन्होंने यह भी चिंता जताई कि किराए में बढ़ोतरी के बावजूद कई ड्राइवर यात्रियों को उनकी मंजिल तक ले जाने से इनकार करते हैं. उन्होंने कहा, “शेयर ऑटो वाले भी मनमाने ढंग से भीड़भाड़ वाले रूट्स पर प्रति व्यक्ति 40 रुपये तक चार्ज कर रहे हैं.”


बांद्रा की सामाजिक कार्यकर्ता लिलियन पेस ने ऑटोरिक्शा और टैक्सी ड्राइवरों द्वारा यात्राओं से इनकार करने की समस्या पर ध्यान आकर्षित किया. उन्होंने इसे यात्रियों के लिए एक बड़ी चुनौती बताया. पेस ने मजाक में कहा कि जब ड्राइवरों ने उनके गंतव्य पर जाने से इनकार किया, तो उन्होंने पूछा, “आप कहां जाना चाहते हैं, अमेरिका?”

दूसरी ओर, मुंबई ऑटोरिक्शा टैक्सीमैन यूनियन के अध्यक्ष शशांक राव ने कहा कि अवैध ड्राइवरों की वजह से असली ड्राइवरों की छवि खराब हो रही है. उन्होंने यह भी बताया कि बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स जैसे इलाकों में अवैध रिक्शा 1 किलोमीटर के लिए 100 रुपये तक वसूल रहे हैं.


हालांकि, ड्राइवरों के लिए यह किराया वृद्धि राहत की बात है, क्योंकि उन्हें भी बढ़ती महंगाई का सामना करना पड़ता है. लेकिन यात्रियों के लिए बढ़ा हुआ किराया, खुले पैसे की समस्या और ड्राइवरों के असहयोग जैसी चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं.

मुंबई के काली-पीली परिवहन व्यवस्था में सुधार की जरूरत है ताकि यात्रियों और ड्राइवरों दोनों के लिए यात्रा सुगम और विवाद-मुक्त हो सके.

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