Updated on: 29 May, 2025 09:59 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
शिंदे ने कहा कि धारावी, जिसे कभी एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती के रूप में जाना जाता था, जल्द ही मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में सबसे सुनियोजित पुनर्विकसित स्थानों में से एक बन जाएगी.
एकनाथ शिंदे
मुंबई में महत्वाकांक्षी धारावी पुनर्विकास परियोजना के मास्टर प्लान को महाराष्ट्र सरकार द्वारा मंजूरी दिए जाने के एक दिन बाद, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को कहा कि धारावी का पुनर्विकास सरकार की सामाजिक प्रतिबद्धता है. शिंदे ने कहा कि धारावी, जिसे कभी एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती के रूप में जाना जाता था, जल्द ही मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में सबसे सुनियोजित पुनर्विकसित स्थानों में से एक बन जाएगी.
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इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में धारावी पुनर्विकास परियोजना पर एक समीक्षा बैठक 28 मई को मुंबई के सह्याद्री गेस्ट हाउस में हुई. बैठक के बाद एकनाथ शिंदे ने कहा, "यह पुनर्विकास केवल एक सपना नहीं है, बल्कि एक सामाजिक वादा है. धारावी सामाजिक न्याय और आर्थिक सशक्तिकरण का प्रतीक बनेगा."
उन्होंने आश्वासन दिया कि इसमें शामिल सभी विभाग मिलकर काम कर रहे हैं और किसी भी बाधा को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. 95,790 करोड़ रुपये की यह मेगा परियोजना एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी है, जिसमें राज्य सरकार की 20 प्रतिशत हिस्सेदारी और अडानी समूह की 80 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
शिंदे ने कहा कि पुनर्विकास का उद्देश्य केवल आवास बनाना नहीं है, बल्कि धारावी निवासियों के लिए जीवनशैली में संपूर्ण परिवर्तन लाना है. राज्य के उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा, "यह केवल बुनियादी ढांचे के निर्माण के बारे में नहीं है, बल्कि रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए एक मॉडल बनाने के बारे में है." परियोजना की मुख्य विशेषताएं:
- कुल 253 हेक्टेयर क्षेत्र, जिसमें से 174 हेक्टेयर पुनर्विकास के लिए उपलब्ध है
- 72,000 इकाइयों का पुनर्विकास किया जाएगा: जिसमें 49,832 आवासीय और 12,458 वाणिज्यिक/औद्योगिक इकाइयाँ शामिल हैं
- 38,000 वर्ग मीटर में स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, अग्निशमन केंद्र, पुलिस स्टेशन, पुस्तकालय और बाज़ार जैसी सुविधाएँ
- लगभग 6 लाख निवासियों को लाभ मिलने की उम्मीद है
- मेट्रो लाइन 11 से सीधे जुड़ने के साथ मल्टी-मॉडल ट्रांजिट हब की योजना बनाई गई है
- एक “15 मिनट का शहर” मॉडल, जो पैदल दूरी के भीतर सभी बुनियादी सुविधाएँ सुनिश्चित करता है
- सटीकता और पारदर्शिता के लिए डिजिटल ट्विन तकनीक और किरायेदार प्रबंधन प्रणाली का उपयोग
- ड्रोन और LiDAR तकनीक का उपयोग करके 79,455 घरों का सर्वेक्षण पूरा किया गया
- एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व वाली समिति धारावी निवासियों के पूर्ण परामर्श के साथ 296 धार्मिक स्थलों के पुनर्वास की देखरेख करेगी.
एकनाथ शिंदे ने कहा कि इसका उद्देश्य एक ऐसा स्मार्ट शहर विकसित करना है जो चलने लायक हो और धारावी की विविध धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करे. उन्होंने कहा कि पुनर्विकास से लोगों की जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव आएगा और उनका जीवन बेहतर और अधिक सम्मानजनक बनेगा.
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