Updated on: 19 June, 2025 11:11 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
मुंबई के वॉकहार्ट अस्पताल में एस्थेटिक सर्जन डॉ. श्रद्धा देशपांडे की त्वरित और कुशल सर्जरी से एक युवक की जान बचाई गई, जिसका हाथ गन्ने के रस की मशीन में फंसकर गंभीर रूप से घायल हो गया था.
सर्जरी में हड्डियों को स्थिर करने, ऊतकों को संरक्षित करने और त्वचा का प्रारंभिक ग्राफ्ट करने की प्रक्रिया शामिल थी.
मुंबई के वॉकहार्ट अस्पताल, मुंबई सेंट्रल में कार्यरत एस्थेटिक सर्जन डॉ. श्रद्धा देशपांडे की कुशल देखरेख में 32 वर्षीय युवक की जान बचाई गई, जो एक गन्ने की रस निकालने वाली मशीन में फंसकर गंभीर रूप से घायल हो गया था. यह घटना उस समय घटी जब युवक एक गन्ने के विक्रेता की मदद कर रहा था और अनजाने में उसका हाथ पूरी तरह से मशीन में फंस गया, जिससे उसके हाथ की कई हड्डियाँ टूट गईं और मुलायम ऊतकों को गहरा नुकसान हुआ. इससे युवक को तीव्र दर्द और हाथ की कार्यक्षमता पर गंभीर असर पड़ा.
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यह बेहद गंभीर स्थिति थी, और युवक को तुरंत वॉकहार्ट अस्पताल में भर्ती किया गया. डॉ. श्रद्धा देशपांडे और उनकी टीम ने इसे "हाथ गंवाने की आशंका वाली आपातकालीन स्थिति" के रूप में देखा और त्वरित कार्रवाई की. डॉ. देशपांडे ने कहा, "उसके हाथ की हालत बेहद गंभीर थी – हड्डियाँ चकनाचूर हो चुकी थीं, और टिशूज़ को भी भारी नुकसान हुआ था. हाथ को बचाने के लिए तुरंत सर्जरी करना अत्यावश्यक था. "
सर्जरी में हड्डियों को स्थिर करने, ऊतकों को संरक्षित करने और त्वचा का प्रारंभिक ग्राफ्ट करने की प्रक्रिया शामिल थी. इसके बाद `मैट्रिडर्म` नामक विशेष ड्रेसिंग का उपयोग किया गया, जो मांसपेशियों और ऊतकों के पुनर्जनन में मदद करता है और घाव भरने की प्रक्रिया को तेज करता है. इसके साथ ही, जल्दी शुरू की गई फिजियोथेरेपी से युवक की अंग की गतिशीलता में सुधार हुआ और हाथ की अकड़न की आशंका भी कम हो गई.
युवक की मानसिक दृढ़ता ने भी उसकी रिकवरी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वह एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत है, और उसकी पत्नी पुलिस विभाग में कार्यरत है. परिवार की जिम्मेदारी और काम पर लौटने की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण उसने इलाज को सकारात्मक तरीके से अपनाया. अब युवक की हाथ की पकड़, गति और संवेदनशीलता में निरंतर सुधार देखा जा रहा है.
डॉ. देशपांडे ने कहा, "हाथ की दुर्घटनाओं में समय का अत्यधिक महत्व होता है. समय पर इलाज से हाथ की बनावट और कार्यक्षमता दोनों को बचाया जा सकता है. यह मामला दर्शाता है कि समय पर और विशेषज्ञों की देखरेख में किया गया उपचार कितनी ज़िंदगी बचा सकता है – भले ही चोट कितनी भी गंभीर क्यों न हो. "
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