Updated on: 01 December, 2023 03:21 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
दक्षिण मुंबई में हिमालय ब्रिज के पास जल्द ही एस्केलेटर शुरू हो जाएगा. इससे तेजी से यात्रियों की आवाजाही शुरू हो जाएगी. इस परियोजना के पूरे होने की तारीख मार्च 2024 है, यह एस्केलेटर जनवरी 2024 के पहले सप्ताह तक तैयार हो जाएगा.
पुल का काम 50 प्रतिशत पूरा हो चुका है। तस्वीर/आशीष राजे
दक्षिण मुंबई में हिमालय ब्रिज के पास जल्द ही एस्केलेटर शुरू हो जाएगा. इससे तेजी से यात्रियों की आवाजाही शुरू हो जाएगी. इस परियोजना के पूरे होने की तारीख मार्च 2024 है, यह एस्केलेटर जनवरी 2024 के पहले सप्ताह तक तैयार हो जाएगा.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
मार्च 2019 में पीक आवर्स के दौरान इस पुल का बड़ा हिस्सा ढह गया था. इसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी और 31 से अधिक लोग घायल हो गए थे. इस दुर्घटना के बाद पूरी संरचना को ध्वस्त कर दिया गया और एक नया पुल बनाया गया, जो इस साल मार्च में चालू हो गया.
हालांकि, नए पुल में केवल सीढ़ियां थीं और नागरिक निकाय ने एस्केलेटर शुरू करने का वादा किया. नया एस्केलेटर दो महीने के भीतर चालू होने की उम्मीद है. एक नागरिक अधिकारी ने कहा कि मौजूदा सीढ़ियां वहीं रहेंगी, जहां वह अभी हैं. एस्केलेटर पुल का विस्तार होगा. व्यस्त समय के दौरान विश्वविद्यालय की ओर से अधिकांश यात्रियों की आमद होती है, इसलिए नागरिक निकाय ने वहां एस्केलेटर स्थापित करने का निर्णय लिया है.
बीएमसी के पुल विभाग के प्रमुख सतीश थोसर ने कहा, “हमने जहां भी संभव हो सभी नए पुलों पर एस्केलेटर लगाने का निर्णय लिया. हालांकि पहले तकनीकी कारणों से हिमालय पुल पर एस्केलेटर का विचार छोड़ दिया गया था, इसे दूसरे निकास पर जोड़ा जाएगा. नगर निगम ने अभी तक काम पूरा करने की कोई समय सीमा तय नहीं की है. एक नियमित यात्री स्मृति अंबरकर ने कहा, “हर दिन हमें महज 50 मीटर सड़क पार करने के लिए सिग्नल पर इंतजार करना पड़ता है. यह अच्छा होगा यदि वे एक एस्केलेटर उपलब्ध करा सकें.”
इस नए एस्केलेटर को जोड़ने की लागत 1.3 करोड़ रुपये है, जबकि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) को नए पुल को बनाने के लिए 6 करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ा, जो स्टील से बना है. यह पुल डी एन रोड के ऊपर से गुजरते हुए दक्षिण मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) और अंजुमन-ए-इस्लाम विश्वविद्यालय को जोड़ता है. शहर के अधिकारियों के अनुसार, एस्केलेटर विश्वविद्यालय की ओर पैदल यात्री पुल के पास ही बनाया गया है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT