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जेएनपीटी परियोजना से विस्थापित मछुआरों का चुनाव बहिष्कार, अंतिम क्षण में लिया ये फैसला

Updated on: 21 November, 2024 10:52 AM IST | Mumbai
Vinod Kumar Menon | vinodm@mid-day.com

जेएनपीटी चरण-2 परियोजना से विस्थापित होकर उरण के हनुमान कोलीवाड़ा ट्रांजिट कैंप में रह रहे मछुआरों ने बुधवार को मतदान का बहिष्कार किया. 1,212 पात्र मतदाताओं में से केवल 475 ने मतदान किया, जबकि 723 ने चुनाव प्रक्रिया से दूर रहने का फैसला किया.

हनुमान नगर ट्रांजिट कैंप स्थित जिला परिषद विद्यालय में जहां चार बूथ बनाये गये थे.

हनुमान नगर ट्रांजिट कैंप स्थित जिला परिषद विद्यालय में जहां चार बूथ बनाये गये थे.

जेएनपीटी चरण-2 परियोजना के तहत विस्थापित होकर पिछले चार दशकों से उरण के हनुमान कोलीवाड़ा ट्रांजिट कैंप में रह रहे मछुआरों के एक बड़े हिस्से ने बुधवार को मतदान नहीं किया. 1,212 पात्र मतदाताओं में से केवल 475 ने मतदान किया, जबकि 723 ने चुनाव का बहिष्कार किया.

मजबूरी में मतदान का दावा


महाराष्ट्र लघु उद्योग पारंपरिक मछली श्रमिक संघ के सचिव परमानंद कोली ने आरोप लगाया कि कुछ स्थानीय राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ग्रामीणों, विशेष रूप से पहली बार मतदान करने वालों को मतदान के लिए मजबूर किया. उनके अनुसार, कार्यकर्ताओं ने डर फैलाया कि यदि वे मतदान नहीं करेंगे, तो उनका वोट देने का अधिकार रद्द हो जाएगा और राशन या नौकरी से वंचित कर दिया जाएगा. हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि क्या ऐसी मजबूरी को लेकर कोई पुलिस शिकायत दर्ज की गई है, तो उन्होंने इसे नकार दिया.


अंतिम क्षण में लिया गया निर्णय

हनुमान कोलीवाड़ा के मछुआरों ने मंगलवार शाम को अपने गांव के जिला परिषद स्कूल में मतदान केंद्र स्थापित किए जाने के बाद मतदान बहिष्कार का फैसला किया. मछुआरों का दावा है कि ट्रांजिट कैंप में मतदान केंद्र स्थापित करने की अनुमति नहीं है, और उनके विरोध के बावजूद इसे जबरन स्थापित किया गया.


कोली ने कहा, "यह मतदान बहिष्कार राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के खिलाफ हमारे विद्रोह को दर्शाता है, जो दशकों से केवल दिखावटी काम करते आए हैं और मछुआरों के वास्तविक कल्याण के लिए कुछ नहीं किया."

चैनल बंद’ आंदोलन की चेतावनी

मछुआरों ने 26 नवंबर को संविधान दिवस पर जेएनपीटी के नेविगेशन चैनल को अवरुद्ध करने की योजना बनाई है. उनका कहना है कि यह कदम उनकी पुश्तैनी जमीन खोने और 40 वर्षों तक पुनर्वास या मुआवजा न मिलने के खिलाफ विरोध का हिस्सा होगा.

पुलिस और प्रशासन का पक्ष

उरण के सहायक पुलिस आयुक्त (बंदरगाह प्रभाग) विशाल नेहुल ने बताया कि जिला प्रशासन और मछुआरों के साथ कई दौर की बातचीत हुई. "हमने मछुआरों को शांतिपूर्ण तरीके से समझाने का प्रयास किया और चुनाव सुचारू रूप से संपन्न हुआ. 1,212 पात्र मतदाताओं में से 475 ने मतदान किया, जो 39.27 प्रतिशत है," नेहुल ने कहा.

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि न तो कोई निवारक गिरफ्तारी की गई और न ही किसी को हिरासत में लिया गया. नेहुल ने कहा, "मछुआरे अब भी अपने विरोध पर अडिग हैं, लेकिन कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हम हर संभव कदम उठाएंगे."

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