Updated on: 27 October, 2024 06:17 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
जयशंकर ने जोर देकर कहा कि हमें मुंबई में जो हुआ, उसे दोहराना नहीं चाहिए. कि एक हमला हुआ और कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई.
फ़ाइल चित्र
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को कहा कि भारत 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों का प्रभावी ढंग से जवाब देने में विफल रहा. उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी किसी भी घटना का निर्णायक जवाब दिया जाएगा. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार जयशंकर ने जोर देकर कहा कि हमें मुंबई में जो हुआ, उसे दोहराना नहीं चाहिए. कि एक आतंकी हमला हुआ और कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई. उन्होंने मुंबई को भारत और दुनिया दोनों के लिए आतंकवाद-रोधी अभियान का प्रतीक बताया. मंत्री ने याद दिलाया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के कार्यकाल के दौरान, देश ने आतंकवाद-रोधी समिति की अध्यक्षता की और उसी होटल में बैठक की, जिस पर 2008 में हमला हुआ था. उन्होंने आतंकवाद से निपटने में अग्रणी के रूप में भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा पर भरोसा जताया.
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रिपोर्ट के मुताबिक जयशंकर ने कहा, "लोग जानते हैं कि भारत आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़ा है." उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश ने आतंकवादी गतिविधियों के प्रति शून्य सहिष्णुता का रुख अपनाया है. उन्होंने कहा, "जब हम आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की बात करते हैं, तो यह स्पष्ट है कि जब कोई कुछ करता है, तो उसका जवाब दिया जाएगा." जयशंकर ने उन लोगों के दोहरे चरित्र को उजागर करने की आवश्यकता पर जोर दिया जो दिन में कारोबार करते हैं और रात में आतंकवाद में लिप्त रहते हैं.
उन्होंने कहा, "मुझे यह दिखावा करना पड़ता है कि सब कुछ ठीक है. इसे भारत स्वीकार नहीं करेगा. यही वह चीज है जो बदल गई है." रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने पुष्टि की कि सरकार न केवल आतंकवाद को उजागर करेगी बल्कि जहां आवश्यक हो, वहां कार्रवाई भी करेगी. आतंकवाद विरोधी उपायों पर चर्चा करने के अलावा, जयशंकर ने चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थिति को संबोधित किया, यह देखते हुए कि दोनों देश लद्दाख में गश्त फिर से शुरू करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने बताया, "हमें उम्मीद है कि डेमचोक और देपसांग जैसे क्षेत्रों में 31 अक्टूबर, 2020 से पहले की गश्त व्यवस्था वापस आ जाएगी. इसमें कुछ समय लगेगा."
जयशंकर की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब राष्ट्रीय सुरक्षा भारत सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है, जो आतंकवाद से खतरों से निपटने और अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक नई प्रतिबद्धता को उजागर करती है. रिपोर्ट के मुताबिक एक मजबूत प्रतिक्रिया रणनीति पर जोर देना राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद-निरोध के प्रति भारत के दृष्टिकोण में बदलाव का संकेत है, तथा यह संदेश मजबूत करता है कि राष्ट्र हिंसा के सामने चुप नहीं बैठेगा.
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