Updated on: 20 October, 2024 08:07 PM IST | Mumbai
Apoorva Agashe
घाटकोपर होर्डिंग दुर्घटना में 17 लोगों की मौत और 80 से अधिक घायल होने के मामले में मुख्य आरोपी भावेश भिंडे को सत्र न्यायालय ने घटना के पांच महीने बाद जमानत दे दी.
होर्डिंग पेट्रोल पंप पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिससे 17 लोगों की मौत हो गई थी.
घाटकोपर होर्डिंग दुर्घटना के मुख्य आरोपी भावेश भिंडे को घटना के पांच महीने बाद सत्र न्यायालय ने जमानत दे दी. यह दुर्घटना 13 मई को घाटकोपर में एक पेट्रोल पंप पर हुई थी, जब 120x120 फीट का एक विशाल होर्डिंग गिर गया. इस हादसे में 17 लोगों की मौत हो गई थी और 80 से अधिक लोग घायल हो गए थे. इस हादसे के बाद भिंडे, जो ईगो मीडिया विज्ञापन एजेंसी के मालिक हैं, को 17 मई को आईपीसी की धारा 304-ए (गैर इरादतन हत्या) के तहत गिरफ्तार किया गया था.
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भावेश भिंडे को एक लाख रुपये के नकद बांड पर जमानत दी गई है, हालांकि विस्तृत जमानत आदेश का अभी भी इंतजार है. भिंडे का पक्ष रखने वाली उनकी वकील, सना खान, ने इस दुर्घटना को "ईश्वर का कृत्य" बताया. सना खान के अनुसार, “तूफानी हवा ईश्वर का कृत्य है, न कि भावेश भिंडे का. इसके अलावा, किसी भी बयान से यह साबित नहीं होता कि भिंडे ने पूर्व जीआरपी कमिश्नर कैसर खालिद और अरशद खान के साथ किसी भी आपराधिक सांठगांठ में भाग लिया था.”
गौरतलब है कि निलंबित आईपीएस अधिकारी कैसर खालिद पर आरोप है कि उन्होंने पेट्रोल पंप पर यह विशाल होर्डिंग लगाने की अनुमति दी थी. जांचकर्ताओं के अनुसार, इस होर्डिंग का ठेका हासिल करने के लिए कथित तौर पर 1 करोड़ रुपये की घूस दी गई थी, जिसमें अरशद खान को शामिल बताया जा रहा है, जो कथित रूप से खालिद का करीबी सहयोगी था.
दुर्घटना के बाद भावेश भिंडे के खिलाफ कई सवाल उठे थे, और जांचकर्ताओं ने इस मामले में उनकी जिम्मेदारी की जांच की थी. हालांकि, सना खान ने अपने बयान में कहा कि भिंडे का इस घटना से सीधा कोई संबंध नहीं है और यह दुर्घटना प्राकृतिक आपदा के कारण हुई थी. इस केस में भिंडे की जमानत मिलने के बाद अब आगे की कानूनी कार्यवाही का इंतजार है.
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