Updated on: 10 April, 2025 04:58 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
महिला ने अपने ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत में आरोप लगाया था कि उसकी भाभी ने उसे काटा है.
प्रतीकात्मक छवि
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महिला की शिकायत पर दर्ज एफआईआर को खारिज करते हुए कहा कि मानव दांतों को एक खतरनाक हथियार नहीं माना जा सकता है जो गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार महिला ने अपने ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत में आरोप लगाया था कि उसकी भाभी ने उसे काटा है. 4 अप्रैल को हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ के जस्टिस विभा कंकनवाड़ी और संजय देशमुख ने आदेश में कहा कि शिकायतकर्ता के मेडिकल सर्टिफिकेट से पता चलता है कि दांतों के निशान से केवल मामूली चोट लगी है.
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रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2020 में महिला की शिकायत पर दर्ज एफआईआर के अनुसार, हाथापाई के दौरान उसकी एक भाभी ने उसे काट लिया, जिससे उसे एक खतरनाक हथियार से नुकसान पहुंचा. आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत खतरनाक हथियारों से नुकसान पहुंचाने, किसी को चोट पहुंचाने और चोट पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया है.
अपने आदेश में अदालत ने कहा, "मानव दांतों को एक खतरनाक हथियार नहीं कहा जा सकता है." रिपोर्ट के अनुसार इसने आरोपी द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया और एफआईआर को खारिज कर दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 324 (खतरनाक हथियार का उपयोग करके चोट पहुंचाना) के तहत, चोट किसी ऐसे उपकरण के माध्यम से होनी चाहिए जिससे मृत्यु या गंभीर नुकसान होने की संभावना हो.
अदालत ने कहा कि वर्तमान मामले में शिकायतकर्ता के मेडिकल प्रमाण पत्र से पता चलता है कि दांतों से केवल साधारण चोट लगी थी. रिपोर्ट के मुताबिक जब धारा 324 के तहत अपराध नहीं बनता है, तो आरोपी को मुकदमे का सामना कराना कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा, हाईकोर्ट ने कहा और एफआईआर को रद्द कर दिया. अदालत ने कहा कि आरोपी और शिकायतकर्ता के बीच संपत्ति का विवाद प्रतीत होता है.
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